प्रभात फेरी, हरिनाम संकीर्तन और महाआरती से हुआ नवसंवत्सर का अभिनंदन

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file photo

मंत्र और घंटी की धुन से गुंजायमान हुई नवसंवत्सर की प्रभात बेला

कोटा। नववर्ष पर बुधवार को शहर भर में उल्लास छाया रहा। लोग एक दूसरे को नव संवत्सर की बधाई देते रहे। नववर्ष उत्सव आयोजन समिति की ओर से प्रत्येक घर में पत्रक भेजकर नववर्ष की शुभकामना दी गई। वहीं शहर के 51 चौराहों को पुष्प, रंगोली, झालर और विद्युत से सजाया गया। राहगीरों को नीम, कालीमिर्च और मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया।

शहर में सवा लाख घरों और 500 मंदिरों पर पताकाएं बदली गई। इस दिन शहर भर के प्रमुख मंदिरों पर भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। विभिन्न स्थानों से प्रभात फेरी और हरिनाम संकीर्तन यात्रा निकाली गई। इस अवसर पर मलखंभ पर पारंपरिक खेल का प्रर्दशन किया और सामाजिक संस्थाओें का सम्मान किया गया।

नववर्ष कार्यक्रम के तहत दुकानों और घरों में लोगों को तिलक लगाकर प्रसाद वितरित किया गया। नववर्ष विक्रम संवत 2080 व युगाब्द 5125 का शुभारंभ पर शहरभर में बुधवार को प्रातः प्रभात फेरी निकालकर किया गया। नववर्ष उत्सव आयोजन समिति कोटा द्वारा भारतीय नववर्ष का शुभारंभ धूमधाम से हुआ, भजन, नृत्य, प्रभात फेरी निकाली एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस दौरान वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुए भारतीय नववर्ष के ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक महत्त्व पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि आज चैत्र शुक्ल एकम् से युगाब्द 5125, विक्रम संवत् 2080 का प्रारंभ हो रहा है। संसार के जितने भी संवत्सर हैं, वे सभी अवैज्ञानिक एवं अपूर्ण हैं। हिन्दू नववर्ष का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के होता है। नये वर्ष का प्रथम दिन होने के नाते यह दिन बड़ा ही महत्त्वपूर्ण है।

भारतीय संस्कृति की विशालता एवं प्राचीनता के सत्य को इसकी महानता को दुनिया से छुपाया गया, अब हमें दुनिया को भारत की महानता की वास्तविकता से अवगत करवाना है। महाराजा विक्रमादित्य का सविस्तार वर्णन भविष्य पुराण और स्कंद पुराण में मिलता है। विक्रमादित्य के बारे में प्राचीन अरब साहित्य में वर्णन मिलता है। उस वक्त उनका शासन अरब तक फैला था। दरअसल, विक्रमादित्य का शासन अरब और मिस्र तक फैला था और संपूर्ण धरती के लोग उनके नाम से परिचित थे।

आयोजन समिति की महिलाओं की टोली द्वारा रंगोली प्रतियोगिता एवं नववर्ष संबंधित बच्चों की भाषण प्रतियोगिता का अलग से आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने एवं बच्चों ने रंगोली बनाकर तथा अपने भाषण देकर उत्साह से भाग लिया।

मलखंभ पर प्रर्दशन
नववर्ष के अवसर पर हरदौल व्यायामशाला की ओर से शारीरिक व्यायाम की अद्भुत कलाओं का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को देख मौजूद दर्शक आश्चर्य से तालियां बजाने लगे। मलखंब के खिलाड़ियों ने हाथों व पैरों का फरारा, बजरंग आसन और 3 पिरामिड सहित मयूरासन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इसके अलावा खिलाड़ियों ने नववर्ष पर सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया।

नववर्ष पर हुआ सामाजिक संस्थाओं का सम्मान
नववर्ष उत्सव आयोजन समिति की ओर से विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का सम्मान किया गया। इस दौरान हरदौल व्यायामशाला, वाल्मीकि समाज उत्थान समिति, कर्मयोगी सेवा संस्थान, सचेतन संस्था, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, शाइन इंडिया फाउंडेशन, आदर्श सेवा संस्थान, अपना घर आश्रम, गायत्री परिवार, प्रचंड बालाजी गौशाला, इस्कॉन टेंपल सेवा समिति, भक्त सेवक कमेटी, करणी नगर सेवा समिति, सेवा भारती कोटा, मानव सेवा संस्थान, सुभाष कला संगम, कोटा उत्कर्ष सेवा संस्था, राधे ग्रुप प्रसादम, आरटीयू सेवा कार्य संस्था, न्यू रक्तदान महादान ग्रुप, केपी निशुल्क कोचिंग क्लासेस का सम्मान किया गया।