सीएम गहलोत को घेरने का दिव्या मदेरणा का उल्टा पड़ गया दांव

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जयपुर। राजस्थान में सीएम गहलोत की धुर विरोधी दिव्या मदेरणा का दांव लगता है कि उल्टा पड़ गया है। दिव्या मदेरणा ने वीरांगनाओं के मुद्दे पर गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल को निशाने पर ले लिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिव्या मदेरणा के बयानों को पार्टी आलाकमान देख रहा है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने संकेत दिए थे कि कौन क्या बोल रहा है। सारी बातें नोट हो रही है।

जानकारों का मानना है कि दिव्या मदेरणा का बड़बोलापन उन पर भारी पड़ सकता है। हालांकि, सीएम गहलोत ने कभी खुलकर दिव्या मदेरणा के बयानों पर कमेंट नहीं किया है। लेकिन गहलोत को समझने वाले यह अच्छी तरह जानते है कि उनका बाएं हाथ क्या कर रहा है, इसका पता दाएं हाथ को भी नहीं रहता है। 1998 में एक लाइन के प्रस्ताव से दिव्या मदेरणा के दादा और दिग्गज जाट नेता परसराम मदेरणा मुख्यमंत्री बनने से रह गए थे।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इतिहास दोहराया जा सकता है। दिव्या मदेरणा ने मंत्री शांति धारीवाल को विधानसभा में जमकर घेरने का काम किया है। मौजूदा बजट सत्र में सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेरने का काम किया है। सीएम गहलोत के गृह जिले जोधपुर के ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा ने 15 मार्च को सदन में चर्चा के बीच वीरांगनाओं के नाता प्रथा पर मंत्री शांति धारीवाल के बयान पर निशाना साधा है। हालांकि, धारीवाल का कहना है कि मदेरणा के मन में कोई कुंठा है तो निकाल दे।

उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं था, जब दिव्या मदेरणा मुखर होकर बोलती हुई देखी गईं। इसके पहले भी कई मर्तबा उनके तल्खी के चर्चे होते रहे हैं। दिव्या गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को निशाने पर लेती रही है। बता दें दिव्या मदेरणा कांग्रेस के दिग्गज जाट नेता परसराम मदेरणा की पोती है। परसराम मदेरणा, महिपाल मदेरणा के बाद दिव्या मदेरणा इस परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में विधानसभा तक पहुंची हैं। परसराम मदेरणा सीएम के प्रबल दावेदार थे, लेकिन एक लाइन के प्रस्ताव ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया। ऐसा माना जाता है कि दिव्या मदेरणा इसलिए ही इशारों में गहलोत को निशाने पर लेती रही है।

सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए थे सवाल: कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने किरोड़ी लाल का पक्ष लेकर गहलोत सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है। प्रदेश में जाट, गुर्जर और मीणा जाति को कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक का हिस्सा बताकर दिव्या मदेरणा ने हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सीधे निशाने पर लिया था। उन्होंने मंजू जाट, किरोड़ी लाल मीणा और सुंदरी देवी के मामले पर वीरांगना और विपक्ष के नेता को लेकर की गई टिप्पणी के जरिए कांग्रेस को चुनावी साल में सावधानी बरतने का मशवरा दिया. साथ ही गहलोत के नजदीकी नेताओं को सदन में घेरा। इसके पहले दिव्या मदेरणा ने फरवरी में जोधपुर में एक वकील की सरेराह हत्या को लेकर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा था।