नई दिल्ली। फ्लोर मिल मालिकों का कहना है कि अप्रैल से शुरू हो रहे 2023-24 विपणन वर्ष में भारत में गेहूं का उत्पादन 1,080 से 1,100 लाख टन रहेगा, जो वित्त वर्ष 2023 के उनके अनुमान की तुलना में 12 से 14 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि उनका कहना है कि गेहूं की कीमत 2,125 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के आसपास बनी रहेगी क्योंकि पुराना स्टॉक खाली है।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एस प्रमोद कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘मांग और आपूर्ति में अंतर बना रहेगा। लेकिन रिकॉर्ड उत्पादन की वजह से कीमत कम होगी और सरकार अपने लक्ष्य के मुताबिक 340 लाख टन गेहूं खरीद सकेगी।’
फरवरी में जारी अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में केंद्र ने 2023-24 में गेहूं का उत्पादन 1,121.8 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है, जो रिकॉर्ड होगा। यह पिछले साल के उत्पादन से 4.12 प्रतिशत ज्यादा होगा। गेहूं के रकबे में बढ़ोतरी के कारण उत्पादन अधिक होने का अनुमान लगाया गया है।
2021-22 में केंद्र ने पहले अनुमान में 1,113.2 लाख टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद जताई थी, जिसे बाद के अनुमान में घटाकर 1077.4 लाख टन कर दिया गया था। खराब मौसम के कारण उत्पादन में 35.8 लाख टन कमी आई थी।
कुमार ने कहा, ‘कम उत्पादन के कारण पिछले साल कीमतों में तेजी आई और कीमत 10 से 12 प्रतिशत बढ़ गई थी।’ उन्होंने कहा कि सरकार के वित्त वर्ष 23 के अनुमान से इतर उत्पादन 950 से 970 लाख टन था।
फेडरेशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट नवनीत चितलंगिया ने कहा कि एफसीआई द्वारा खुले बाजार में गेहूं बेचने से कीमत कम होनी शुरू हो गई थीं और इसका असर अगले महीने दिखेगा व प्रमुख महंगाई दर के आंकड़ों पर भी इसका असर नजर आएगा।