फैक्ट्री हर साल 30 हेलीकाप्टरों का करेगी निर्माण
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की सबसे बड़ी हैलीकॉप्टर फैक्ट्री का उद्घाटन कर दिया है। प्रधानमंत्री ने तुमकुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का लोकार्पण किया है। प्रधानमंत्री इस यात्रा के दौरान विभिन्न विकास पहलों के लिए आधारशिला रख रहे हैं।
चुनावी राज्य में एक महीने से भी कम समय में यह मोदी की तीसरी यात्रा होगी। प्रधानमंत्री ने 12 जनवरी को हुबली की यात्रा की थी और राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्धाटन किया था। बाद में 19 जनवरी को उन्होंने यादगिरी और कलबुर्गी जिलों में रोड शो किया था जहां उन्होंने विकास एवं समाज कल्याण कार्यक्रमों का प्रदर्शन कर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया, जिससे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक ‘लॉन्चपैड’ मिल गया।
प्रधानमंत्री मोदी बेंगलुरु में ‘इंडिया एनर्जी वीक (आईईडब्ल्यू) 2023’ का उद्घाटन करेंगे जिसका आयोजन छह से आठ फरवरी तक होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऊर्जा संक्रमण महाशक्ति के रूप में भारत की बढ़ती शक्ति को प्रदर्शित करना है।
बता दें कि यह फैक्ट्री हर साल लगभग 30 हेलीकाप्टरों का निर्माण करेगी और इसे चरणबद्ध तरीके से 60 और फिर 90 प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। पहले एलयूएच का उड़ान परीक्षण किया जा चुका है। लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और भारतीय मल्टीरोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) जैसे अन्य हेलीकॉप्टरों का निर्माण करने के लिए फैक्ट्री में वृद्धि की जाएगी।
2016 में रखी थी आधारशिला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर में तुमकुरु में जिस एचएएल हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का उद्घाटन किया इसकी आधारशिला 2016 में प्रधानमंत्री ने ही रखी थी। यह एक समर्पित ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर कारखाना है जो हेलीकॉप्टर बनाने की क्षमता और इसके अनुकूल तंत्र को बढ़ावा देगा। यह हेलीकॉप्टर फैक्ट्री एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण सुविधा है और शुरुआत में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का उत्पादन करेगी।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और इंडियन मल्टीरोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) जैसे अन्य हेलीकॉप्टरों के निर्माण के साथ भविष्य में एलसीएच, एलयूएच, सिविल एएलएच एवं आईएमआरएच की मरम्मत के लिए फैक्ट्री का विस्तार किया जाएगा। फैक्ट्री में भविष्य में सिविल एलयूएच के निर्यात की भी संभावना है। इस केंद्र से भारत हेलीकॉप्टरों की अपनी संपूर्ण आवश्यकता को स्वदेशी रूप से पूरा करने में सक्षम बन जाएगा और हेलीकॉप्टर डिजाइन, विकास और निर्माण में आत्मनिर्भरता का गौरव प्राप्त करेगा।