भारत में बने उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करने की वित्तमंत्री की अपील

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इंदौर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को प्रवासी भारतीयों के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने देश में वर्ष 2022 में करीब 100 अरब डॉलर भेजे जो पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के दौरान एक सत्र में बोलते हुए वित्त मंत्री ने प्रवासी भारतीयों को “भारत का वास्तविक राजदूत” बताया। उन्होंने लोगों से जहां तक संभव हो भारत में बने उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि इससे भारतीय ब्रांड को दुनिया भर में बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। सीतारमण ने यह भी कहा कि ‘चीन प्लस वन’ नीति के बाद अब दुनिया ‘यूरोपीय संघ (ईयू) प्लस वन’ नीति के बारे में बात कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के समक्ष भारत को एक ऐसे देश के रूप में पेश कर रही है जहां वे चीन और यूरोपीय संघ के अलावा अपने कारखाने लगा सकती हैं।

सीतारमण ने कहा कि प्रवासी भारतीयों को देश के छोटे और बड़े कारोबारियों के साथ भी भागीदारी करनी चाहिए ताकि आजादी के अमृत काल के दौरान अगले 25 वर्षों में प्रवासी भारतीयों के उद्यमिता कौशल का भी देशहित में इस्तेमाल हो सके। उन्होंने कहा, ‘विदेश से आने वाले भारतीयों ने वर्ष 2022 में करीब 100 अरब डॉलर धन देश भेजा। वित्त मंत्री ने कहा यह अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 की तुलना में इसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

उन्होंने कहा, ”महामारी के बाद एक साल के भीतर लोगों ने सोचा कि भारतीय श्रमिक फिर से विदेश नहीं जाएंगे, पर वे न केवल वापस गए हैं, बल्कि बहुत उपयोगी रोजगार के लिए गए। महज एक वर्ष के भीतर ही प्रवासियों की ओर से भेजी गई राशि में 12 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।

सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग, दवा विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों में भारतीय पेशेवरों के प्रभुत्व का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देश ज्ञान और प्रगति का वैश्विक केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा, ”आजादी के अमृत काल में आकांक्षी भारत चार ‘आई’ पर ध्यान केंद्रित रहेगा जिसमें बुनियादी ढांचा (Infrastructure), निवेश (Investment), नवाचार (Investment) और समावेश (Inclusion) शामिल हैं।