नई दिल्ली । सरकार का कहना है कि यूनीवर्सल अफोर्डेबल स्कीम निर्माण उद्योग को बूस्ट देने का काम करेगी। जानकारी के मुताबिक मार्च 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शहरों में 1.2 करोड़ घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी 1.2 करोड़ घरों का निर्माण किया जाना है।
वित्त सचिव अशोक लवासा ने पत्रकारों को बताया कि यूनीवर्सल अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम निर्माण उद्योग को बूस्ट देने का काम करेगी। उन्होंने यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की मौजूदगी में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी जिसे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के ठीक बाद आयोजित किया गया था।
लवासा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत जिन 1.02 करोड़ यूनिट्स का निर्माण किया जाना है उस पर अगले तीन सालों में होने वाला खर्चा 1,85,069 करोड़ रुपए होगा।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जिन 1.02 करोड़ घरों का निर्माण किया जाना है उसकी कुल लागत 1,26,795 करोड़ रुपए होगी जिसे केंद्र और राज्य मिलकर मार्च 2019 तक वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि इनमें से 51 लाख यूनिट्स इसी साल तैयार हो जाएंगी।
आपको बता दें कि सरकार ने बीते माह अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए पीपीपी (प्राइवेट-पब्लिक-पार्टनरशिप) पॉलिसी की घोषणा की थी जो कि निजी जमीन पर निजी बिल्डरों की ओर से बनाए जाने वाले प्रत्येक घर को 2.50 लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता प्रदान करने की अनुमति देती है।
सरकार ने नवंबर 2016 में ग्रामीण क्षेत्रों में “सभी के लिए आवास” योजना शुरू की थी जिसके तहत सरकार ने 2022 तक हर ग्रामीण परिवार के लिए पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित घर प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया है।