नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बैंकिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए मंगलवार को बड़े एलान किए। सरकार पब्लिक बैंकिंग सेक्टर में 2.11 लाख करोड़ रुपए इन्वेस्ट करेगी। वहीं, देशभर में हाईवेज बनाने पर 6.92 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें से भारतमाला प्रोजेक्ट पर 5.35 लाख करोड़ खर्च होंगे और 34,800 किमी रोड बनाई जाएगी।
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा जरूर किया कि देश में इकोनॉमी की हालत बेहतर है। लेकिन आंकड़ों के जरिए यह भी बताया कि बैंकों की नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) दो साल में 4.55 लाख करोड़ रुपए बढ़कर अब 7.33 लाख करोड़ रुपए हो गई है। इसी वजह से बैंकिंग सेक्टर को और मदद की जरूरत है।
सरकार ने क्यों अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई?
इसकी वजह साफ नहीं है, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का बुधवार को एलान हो सकता है। वहीं, इकोनॉमी पर राहुल गांधी समेत विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं। 8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर विपक्ष काला दिवस भी मनाने जा रहा है। माना जा रहा है कि इन्हीं वजहों से सरकार ने ये प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इकोनॉमी से जुड़े एलान किए।
सरकार कितने लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट कर रही है?
इन्फ्रास्ट्रक्चर और बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट होगा। इनमें से 6.92 लाख करोड़ सड़कों के लिए इन्वेस्ट होंगे। 2.11 लाख करोड़ रुपए की मदद पब्लिक सेक्टर बैंकों को दी जाएगी। 1.85 लाख करोड़ रुपए शहरी आवास, 1.26 लाख करोड़ रुपए ग्रामीण आवास पर खर्च होंगे।
फाइनेंस सेक्रेटरी अशोक लवासा ने एक सवाल के जवाब में कहा- यहां बताए गए सेक्टर्स में इन्वेस्टमेंट के अलावा सरकार और भी योजनाओं पर पैसा खर्च कर रही है। तीन से पांच साल में यह इन्वेस्टमेंट 14 लाख करोड़ रुपए के आसपास होगा।
सरकार को बैंकिंग सेक्टर के लिए क्यों मदद करनी पड़ी?
मार्च 2015 में बैंकों का NPA 2.78 लाख करोड़ रुपए था। यह जून 2017 में बढ़कर 7.33 लाख करोड़ रुपए हो गया। NPA दो साल में 4.55 लाख करोड़ रुपए बढ़ा। बैंकों की मदद के लिए सरकार ने साढ़े तीन साल में 58,848 करोड़ रुपए का कैपिटल इन्फ्यूजन किया।
सरकार ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर के लिए और भी मदद की दरकार थी। इसलिए बैंकों को मौजूदा हालात से उबारने, उन्हें मजबूत करने और NPAs से निपटने के मकसद से सरकार ने पब्लिक सेक्टर बैंकों को 2 लाख 11 हजार करोड़ रुपए की अभूतपूर्व मदद देने का फैसला किया है।
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बताया कि इसमें से 1.35 लाख करोड़ रुपए रीकैप बॉन्ड्स के रूप में दिए जाएंगे। वहीं, 76 हजार करोड़ रुपए की मदद बजटरी सपोर्ट और मार्केट रेजिंग के रूप में मिलेगी। उम्मीद है कि इससे नौकरियों के मौके बढ़ेंगे। ग्रोथ बढ़ेगी और इन्वेस्टमेंट्स बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सड़कों के लिए कितना खर्च होगा?
कुल 6.92 लाख करोड़। बड़ा हिस्सा भारतमाला पर खर्च होगा। 7 फेज में 5.35 लाख करोड़ की लागत से 34,800 किमी रोड बनाई जाएगी। 14 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के मौके भी उपलब्ध होंगे। नॉर्थ ईस्ट में बिजनेस बूस्ट के लिए रोड बनेंगी। बॉर्डर और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी को भी इम्प्रूव किया जाएगा।
राहुल गांधी के बारे में क्या बोले जेटली?
राहुल ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहा था। इस पर सवाल पूछा गया तो अरुण जेटली बोले- जिन लोगों को 2जी और कोलगेट की आदत पड़ी हुई थी। उन्हें यह सब कानूनी और सही नहीं लगेगा।
इकोनॉमी की हालत पर क्या कहता है सरकार का रिव्यू?
इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी सुभाष गर्ग ने कहा, “जीडीपी ग्रोथ मीडिया के लिए चर्चा का विषय रहा है। रियल जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रही। 2015-16 में 8.2 फीसदी थी। यह बेहतर नहीं होगी, ऐसा सोचने की कोई वजह नहीं है। क्योंकि इन्वेस्टमेंट और फॉरेन रिजर्व की कमी नहीं है।”