कोटा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के स्टूडेंट्स ने इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड (आईजेएसओ) में देश का मान बढ़ाया है। एलन क्लासरूम स्टूडेंट्स ने 5 गोल्ड मैडल हासिल किए हैं। ओलम्पियाड में भारतीय टीम को 6 गोल्ड मैडल हासिल हुए, इसमें से 5 एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के नाम रहे।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन डॉ.बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि 19वें इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड का सोमवार को घोषित किया गया, जिसमें एलन के 5 स्टूडेंट्स ने गोल्ड मैडल हासिल किए, इसमें वासु विजय, देवेश पंकज भैया, बनीब्रता माजी, राजदीप मिश्रा व अवनीश बंसल शामिल हैं। देवेश व राजदीप ने लगातार दूसरे वर्ष गोल्ड मैडल हासिल किए हैं।
जूनियर साइंस ओलम्पियाड के फाइनल में 6 स्टूडेंट्स ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया, इसमें 5 एलन से थे और पांचों ने गोल्ड मैडल हासिल किए। माहेश्वरी ने बताया कि इस वर्ष इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड इस वर्ष बोगोटा कोलम्बिया में 2 से 12 दिसम्बर तक आयोजित किया गया। अधिकतम 15 वर्ष की आयु वर्ग के लिए होने वाले इस ओलम्पियाड में 35 देशों के 203 से अधिक स्टूडेंट्स शामिल हुए।
एलन को अब तक 29 गोल्ड
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने 2015 से अब तक इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड में 29 गोल्ड और 4 सिल्वर मैडल जीते हैं। वर्ष 2020 में कोविड के चलते आईजेएसओ का आयोजन नहीं किया जा सका। इस वर्ष 19वां आईजेएसओ हुआ।
21 महीने में 25 गोल्ड मैडल : देवेश
एलन के क्लासरूम स्टूडेंट देवेश पंकज भैया ने आईजेएसओ में दो बार गोल्ड मैडल हासिल किए हैं। देवेश ने बताया कि मैं अभी 10वीं कक्षा में हूं और सातवीं कक्षा से कोटा में पढ़ रहा हूं। मैंने 5वीं कक्षा में टैलेंटेक्स में टॉप 20 में रैंक हासिल की थी। मैंने आईजेएसओ के अलावा पिछले 21 महीने में विभिन्न इंटरनेशनल एग्जाम देकर 25 गोल्ड मैडल हासिल किए हैं। फिलहाल कैमिस्ट्री ओलंपियाड की तैयारी कर रहा हूं। 2020 में बाल शक्ति पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा वर्ष 2021 में जॉन हॉपक्निस यूनिवर्सिटी के एसीटी में 800 में से 800 स्कोर प्राप्त किए थे। रोजाना 8 से 10 घंटे स्टडी करता हूं। मैं आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक और वर्ल्ड के टॉप एजुकेशन इंस्टीट्यूट एमआईटी में एडमिशन लेना चाहता हूं। परिवार मूलतः जलगांव महाराष्ट्र से है। पापा पंकज भैया आर्किटेक्ट एवं मां पल्लवी सिविल इंजीनियर हैं। देवेश की सफलता में मां पल्लवी का विशेष योगदान रहा है।
फैकल्टीज की गाइडलाइंस को फॉलो किया: राजदीप
राजदीप ने बताया कि वर्ष 2021 में आईजेएसओ की तैयारी के लिए ही राजदीप कोटा आया था। वर्तमान में कक्षा 11 में अध्ययनरत हूं। आईजेएसओ में सफलता के लिए फैकल्टीज की ओर से उपलब्ध कराए गए नोट्स से तैयारी की और फैकल्टीज की गाइडलाइंस को फॉलो किया। मैं प्रीआरएमओ क्वालिफाइड भी हूं। इसके अलावा आईएमओ में इंटरनेशनल रैंक 5, एनएसओ में इंटरनेशनल रैंक 8 हासिल कर चुका हूं। आईओक्यूएम क्वालिफाइड हूं। परिवार मूलतः ओडिशा में भुवनेश्वर से है। पापा आरके मिश्रा एयरफोर्स में जामनगर गुजरात में हैं।