मुंबई। देश के कई सरकारी बैंकों से करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने वाले विजय माल्या ने किस तरह से इस बड़ी रकम को ठिकाने लगाया, इसे लेकर नित नए खुलासे हो रहे हैं।
शराब कारोबारी विजय माल्या ने इसके लिए कई फर्जी कंपनियां बनाई थीं, जिनके जरिए उसने रकम का हेरफेर किया।ईडी के मुताबिक पूर्व शराब कारोबारी माल्या ने कथित तौर पर इन शेल कंपनियों के जरिए सीक्रट फाइनैंशल ट्रांजैक्शंस किए और मनी लॉन्ड्रिंग की।
कोलकाता में ब्रिटिश काल की इमारत पर लगे मार्बल पत्थर पर कंपनी का नाम और पता ‘फार्मा ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड-2, मिंटो पार्क, कोलकाता- 700027’ लिखा है। लेकिन, जब आप भीतर जाते हैं तो गार्ड्स बताते हैं कि यहां कोई ऑफिस ही नहीं है।
इन विसंगतियों से पता चलता है कि प्रवर्तन निदेशालय के लिए किस तरह से माल्या की शेल कंपनियों के खिलाफ जांच का आधार बनता है। माल्या को देश का सबसे हाईप्रोफाइल विलफुल डिफॉल्टर माना जाता है। माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के नाम पर लिए गए कर्ज को इन कंपनियों के जरिए माल्या ने ठिकाने का लगाने का काम किया।
ईडी की चार्जशीट में हैं इन कंपनियों के नाम
ईडी के मुताबिक फार्मा ट्रेडिंग कंपनी उन 20 फर्मों में से एक है, जो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज और कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के रेकॉर्ड्स में दर्ज हैं। लेकिन, इनमें से किसी का भी कोई ऐक्टिव बिजनस ऑपरेशन, स्टाफ, एसेट्स या ऑफिस नहीं हैं। इन सभी कंपनियों का माल्या ने कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया।
माल्या की ओर से गठित ये सभी 20 कंपनियां इसी साल जून में ईडी की ओर से तैयार की गई चार्जशीट का भी हिस्सा हैं। ईडी का दावा है कि माल्या ने भारत ही नहीं बल्कि यूके, फ्रांस, अमेरिका, सिंगापुर, मॉरीशस और यूएई जैसे देशों में भी एक दर्जन के करीब फर्जी कंपनियां खड़ी की थीं।
इन कंपनियों के जरिए माल्या ने किया गोलमाल
माल्या की जिन 20 शेल कंपनियों की बात की जा रही है, उनमें फार्मा ट्रेडिंग कंपनी, जेम इन्वेस्टमेंट ऐंड ट्रेडिंग, कामस्को इंडस्ट्रीज, माल्या प्राइवेट लिमिटेड, एमएस ऐपसटिक्स टेक्नॉलजीज, विलोरा कंसल्टिंग, पीए डेटा सेंटर रिसोर्स जैसी कंपनियां शामिल हैं।