जजों और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच अब आसान नहीं

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नए अध्यादेश के मुताबिक ड्यूटी के दौरान किसी जज या किसी भी सरकारी कर्मचारी की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट के जरिए भी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते हैं

जयपुर। राजस्थान में अब पूर्व व वर्तमान जजों, अफसरों, सरकारी कर्मचारियों और बाबुओं के खिलाफ पुलिस या अदालत में शिकायत करना आसान नहीं होगा। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के लिए सरकार की मंजूरी अनिवार्य होगी। वसुंधरा राजे सरकार ने यह नया अध्यादेश पारित किया है।

इस नए अध्यादेश के मुताबिक ड्यूटी के दौरान किसी जज या किसी भी सरकारी कर्मचारी की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट के जरिए भी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते हैं। इसके लिए सरकारी की अनुमति अनिवार्य होगी। हालांकि अगर सरकार इजाजत नहीं देती है तो 180 दिनों के बाद कोर्ट के जरिए एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है।

सरकार के इस नए अध्यादेश के तहत इस तरह के किसी भी सरकारी कर्मचारी, जज या अधिकारी का नाम, स्थान की जानकारी या किसी भी तरह की पहचान तब तक प्रेस रिपोर्ट में नहीं दे सकते जब तक सरकार इसकी इजाजत न दे। ऐसा नहीं करने पर दो साल की सजा का भी प्रावधान किया गया है।