कोटा दशहरा 2022: रूप, सौंदर्य एवं परिधानों से दमक उठा विजयश्री रंगमंच

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कोटा। राष्ट्रीय मेला दशहरा में गुरुवार को विजयश्री रंगमंच पर परिधान उत्सव आयोजित किया गया। इस दौरान कुतुर इंस्टीट्यूट ऑफ फ़ैशन टेक्नोलोजी के सहयोग से विभिन्न मॉडल्स ने फैशन के जलवे बिखेरे। इस दौरान आधुनिक फैशन के साथ परंपरागत परिधानों का संगम देखने को मिला। म्यूजिक की धुन पर सधे कदमों से मंच पर कैटवाक करते युवक युवतियों के रूप, सौंदर्य और परिधानों से दशहरा मेले का मंच दमक उठा।

कार्यक्रम की शुरुआत ट्रेडिशनल कॉस्ट्यूम्स के साथ हुई। जिसमें “जग घुमया थारे जैसा न कोई..घुडलो घुमेलो…” की धुन पर युवक-युवती पारंपरिक लहंगा चुन्नी और शेरवानी में केटवाक करते नजर आए। इसके बाद कोटा डोरिया की शेरवानी के साथ धोती में सजे धजे मॉडल्स मंच पर आए। “मन क्यों बहका रे बहका आधी रात को…” गीत पर सधे कदमों से केटवाक करते युवक युवतियों ने लोगों ने अचंभित कर दिया।

राजपुताने की आन बान शान को प्रस्तुत करते अगले राउंड में मॉडल्स झक सफेद जोधपुरी सूट और राजपूती ओढ़नी में दिखे। उन्होंने राजपूती परिधानों में राजपूती स्वाभिमान को प्रस्तुत किया। अगले राउंड में कोटा डोरिया से तैयार किए गए लहंगे और साड़ी पेश किए गए। जिसमें खादी वस्त्रों को मॉडल्स द्वारा पेश किया गया। राजस्थानी बंधेज और लहरिया के कॉस्ट्यूम पेश भी किए गए।

बेटी बचाओ का दिया संदेश
तीन राउंड छोटे बच्चों के भी थे। जिसमें ट्रडिशनल, पीकॉक डोरिया कलेक्शन, बार्बी डोल, सेव गर्ल चाइल्ड परिधान शो में राजस्थानी संगीत ने भी समां बांध दिया। संस्था की डाइरेक्टर पूजा राजवंशी ने बताया कि बच्चों ने हरवर्ष की भांति खड़ी डोरिया एवं लहरिया से कलेक्शन तैयार किया। जिससे कोटा दशहरा राष्ट्रीय मंच के माध्यम से आमजन में खड़ी डोरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। मंच के माध्यम से कार्यक्रम के अंत में बेटी बचाओ का संदेश नन्हीं बच्चियों के द्वारा दिया गया।