कोटा-बूंदी को सम्पूर्ण साक्षर बनाने का संकल्प लें निजी स्कूल संचालकः बिरला

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कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व कोटा को शैक्षणिक नगरी के रूप में पहचानता है। निजी स्कूल संचालक अब कोटा और बूंदी को सम्पूर्ण साक्षर जिलों के रूप में पहचान दिलाने की बड़ी पहल करें। वे अपने स्कूल के आसपास के क्षेत्र में निरक्षर लोगों को चिन्हित कर शाम के समय पढ़ाएं।

शहरी क्षेत्र से प्रारंभ होकर यह अभियान गांवों की ओर बढ़े और तब तक जारी रहे जब यहां के एक-एक व्यक्ति साक्षर नहीं हो जाता। वे शनिवार को निजी स्कूल संचालकों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

स्पीकर बिरला ने कहा कि आज कोटा के कोचिंग संस्थान अपने बेहतर प्रबंधन और शिक्षण पद्धति से भारत ही नहीं कई अन्य देशों से युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। हमें इसी प्रकार का नवाचार कोटा और बूंदी के सरकारी और निजी स्कूलों में भी करने की आवश्यकता है।

हमारे सरकारी और निजी विद्यालय आधुनिक तकनीकी शिक्षा देने के साथ संस्कार, संस्कृति और परम्पराओं के बीज भी विद्यार्थियों में बोएं। यदि हम ऐसा करने में सफल रहे तो वह दिन दूर नहीं जब देश और विदेश से बच्चे हमारे स्कूलों में दाखिला लेने कोटा और बूंदी आएंगे।

लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं लेकिन उसके सर्वांगीण विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक की होती है। हमें अपने शिक्षकों में वह भावना उत्पन्न करनी होगी कि वे अपने प्रत्येक विद्यार्थी को सर्वश्रेष्ठ नागरिक बनाएं।

इसमें स्कूल संचालकों की भी भूमिका महत्वपूर्ण हैं। वह विद्यार्थियों के प्रति जितने समर्पित होंगे, शिक्षक भी उतने ही मनोयोग से विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत करेंगे। विद्यार्थी में जितने अधिक गुण और संस्कार होंगे वह समाज और देश की प्रगति के लिए उतना ही अधिक परिश्रम करेगा।

विद्यार्थियों को फोकस्ड बनाएं शिक्षक:स्पीकर बिरला ने शिक्षकों का आव्हान किया कि वे बचपन से ही विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य की ओर फोकस्ड होने को प्रेरित करें। विद्यार्थी जितना अधिक फोकस्ड होगा, उसकी सफलता की संभावना भी उतनी ही अधिक होगी। शिक्षक विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ देश-दुनिया की जानकारी भी दें। साथ ही उन्हें महापुरूषों की जीवनी पढ़ने को प्रेरित करें। इससे उनमें आत्मविश्वास जागृत होगा और वे अधिक दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर आगे बढ़ेंगे।

शिक्षकों के कार्य की भी चर्चा हो: शिक्षकों के सम्मान की सराहना करते हुए स्पीकर बिरला ने कहा कि शिक्षकों के अच्छे कार्यों की जितनी अधिक चर्चा होगी उनको मनोबल उतना ही अधिक बढ़ेगा। हमारे देश में चाणक्य-स्वामी विवेकानंद जैसे गुरूओं की समृद्ध परम्परा रही है जिन्होंने सदैव इस बात पर बल दिया कि विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम में धैर्य बनाए रखने की क्षमता होनी चाहिए। हमारे देश में अनेक शिक्षक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद तक पहुंचे। लेकिन उन्होंने शिक्षक की अपनी मनोवृति को सदैव जीवंत रखा।

इंदू मसीह को लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान: कार्यक्रम के दौरान सेंट जॉन्स स्कूल की संचालक इंदू मसीह को शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा भी कार्यक्रम में 400 अन्य शिक्षकों का भी सम्मान किया गया।

यह गणमान्य रहे उपस्थित: कार्यक्रम में कोटा नागरिक सहकारी बैंक लि. व माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष राजेश बिरला, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के संरक्षक महेश विजय, सचिव कुलदीप माथुर, स्कूल संचालक महेश गुप्ता, कुंज बिहारी गौतम, सत्यप्रकाश गौतम, संजय शर्मा, पंकज वात्स्य सहित अनेक स्कूल के संचालक और शिक्षक उपस्थित रहे।