डॉ. साकेत गोयल, कार्डियोलॉजिस्ट
कोटा। शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ना एक गंभीर समस्या बनाता जा रहा है। यह एक गंदा पदार्थ है जो खून की नसों में जमा होता है। इसका लेवल अधिक होने से आपको दिल के रोग, नसों के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल पता करें?
कोलेस्ट्रॉल क्या है: यह एक वसा जैसा या मोम जैसा पदार्थ है, जो शरीर में कोशिका झिल्ली, कुछ हार्मोन और विटामिन डी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है- एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को गंदा माना जाता है क्योंकि यही शरीर में असली परेशानी की जड़ है जबकि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल अच्छा होता है और शरीर के कई कामकाज में सहायक है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या होता है: CDC के अनुसार, हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण आमतौर पर तब तक दिखाई नहीं देते, जब तक कि यह किसी गंभीर समस्या का कारण नहीं बन जाता। यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आप एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराएं। कोलेस्ट्रॉल को अनुपचारित छोड़ने से समय के साथ यह नसों में जमा हो सकता है जिससे हृदय को नुकसान पहुंच सकता है और आपको दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।
इन लक्षणों को गलती से भी न करें नजरअंदाज
मिचलाना, सुन्न होना, अत्यधिक थकान, सीने में दर्द या एनजाइना, सांस लेने में कठिनाई, हाथ-पांव में सुन्नपन या ठंडक हाई ब्लड प्रेशर
लक्षण महसूस होने पर क्या करें: यदि आपको लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और जांच करानी चाहिए। ध्यान रहे कि ब्लड टेस्ट के जरिए ही यह पता चल सकता है कि आपके भीतर कुछ गंभीर गड़बड़ी तो नहीं चल रही है।
कैसे पता चलेगा कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया: समस्या यह है कि हाई कोलेस्ट्रॉल के बारे में तब तक सही तरह पता नहीं चलता, जब तक शरीर में कोई गंभीर समस्या नहीं हो जाती है। डॉक्टरों का माना है कि आपको 11 साल की उम्र के बाद से 55 साल की उम्र तक हर पांच साल में ब्लड लिपिड टेस्ट कराना चाहिए।