एक्सपोर्टर की मांग से जीरा बिक सकता है 240 रुपये किलो तक

0
432
मुकेश भाटिया की कलम से

कोटा। जीरा ने पिछले 15 दिनों से अपना रंग दिखाना चालू कर दिया है। पिछले एक महीने में धीरे धीरे व्यापार भाव व मात्रा दोनो में उछाला आया है। वहीं 1 जुलाई से एक्सपोर्ट मांग के कारण गुब्बारा फूटा तथा जो सिंगापुर क्वॉलिटी नीचे में 21000/ रुपये प्रति क्विंटल के भाव काम हुआ था वह 23000 रुपये प्रति क्विंटल में हो गया।

एक्सपोर्ट की मांग देखते हुए सोमवार को 24000 रुपये प्रति क्विंटल हो जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वही यूरोप क्वॉलिटी 23500 से 24000/ के व्यापार हुए है। जो सोमवार को हो सकता है 24500/ 25000/ के व्यापार हो जाए। निश्चित रूप से चाइना की एक्सपोर्ट मांग के कारण बाजार और बढ़ेंगे।

धनिया : धनिया में भी परिस्थितियां ऐसी ही है, क्योंकि साउथ की मांग अच्छी है। कल भी एडवांस पेमेंट में कई काम हुए हैं। जो व्यापारी धनिया लेना चाहते हैं, वह जुलाई में धनिया ले ले, क्योंकि अगस्त में माल मिलता हुआ नहीं दिखता। हालांकि धनिया में एक्सपोर्ट मांग नहीं है। लेकिन अगस्त से एक्सपोर्ट मांग भी दिखेगी। धनिया में खपत के अनुसार लगभग 50 लाख बोरी की कमी है।

चालू फ़सल का मैक्सिमम स्टॉक आज की तारीख में मुश्किल से 25 लाख बोरी बचा है। चूंकि ऊंचे भाव होने से दिसावर की मसाला कम्पनी / व्यापारी स्टॉक नहीं कर सके थे। वहीं यूपी/बिहार के लोकल माल भी समाप्त हो चुके हैं। इंपोर्ट अगस्त के बाद ही छुटपुट चालू होगा। लेकिन 50 लाख बोरी की शॉर्टेज को पूरा करना किसी भी तरह संभव नहीं है। चूंकि दिसावर में भी घरेलू मांग बराबर बनी रहेगी। इन सभी हालातों को देखते हुए धनिया भी अगस्त से दीपावाली तक धुआं धार बेटिंग करे, यह साफ नज़र आ रहा है।

हल्दी: बुवाई के आंकड़े 75%से 80% के आ रहे हैं। एक्सपोर्ट मांग भी बराबर बनी हुई है। हल्दी भी धीरे धीरे अपना रंग दिखाना चालू करेगी। मिर्च का बाज़ार ऑलरेडी अपना रंग दिखाना प्रारम्भ कर चुका है। इसलिए निश्चिंत रहें समय के साथ सभी मसाला जिंस में अच्छा मुनाफा प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

सौंफ: अच्छी तेज़ी की संभावना दिख रही है। यदि संभव हो तो सौंफ पर भी दांव लगा सकते हैं। यह वर्ष पूरी तरह से मसालों का है,2022/2023 ऐसा वर्ष हैं जो शायद पूर्व में नहीं आया होगा।