भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम, निवेशकों ने जताया भरोसा: वित्त मंत्रालय

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नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आर्थिक गतिविधियां उम्मीद से बेहतर दिख रही हैं। वैश्विक स्तर पर भले ही मंदी की आहट से लेकर नकदी एवं खपत में कमी की आशंका जाहिर की जा रही है, लेकिन भारत इन तमाम बड़ी चुनौतियों से निपटने में सक्षम दिख रहा है। उल्टा भारत में निजी निवेश में बढ़ोतरी दिख रही है जो भारतीय अर्थव्यवस्था में उद्यमियों के भरोसे को जाहिर करता है।

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में निजी सेक्टर के निवेश प्रस्ताव में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 85 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि गत चार तिमाही से निजी निवेश के प्रस्ताव में औसतन 63 फीसद का इजाफा हो रहा था।

चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल की तरफ से 12.9 अरब डॉलर के निवेश किया गया जो पिछले वित्त वर्ष की पहले दो माह के मुकाबले 14 फीसद अधिक है। ये पीई और वीसी ने सबसे अधिक रियल एस्टेट सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किए।

रिपोर्ट के मुताबिक फेडरल बैंक की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी से वैश्विक स्तर पर खपत में कमी आ सकती है और नकदी का प्रवाह भी कम हो सकता है, लेकिन इन सभी चुनौतियों का भारत सामने करने में सक्षम हैं क्योंकि आरबीआइ एवं सरकार की तरफ से उठाए गए कदम से भारत में महंगाई कम हो रही है। मंदी की आहट से कच्चे तेल के दाम कम हो रहे हैं जिससे भारत को फायदा मिल रहा है।

औद्योगिक धातुओं की कीमतें भी लगातार कम हो रही है जिससे मैन्यूफैक्चरिंग को मदद मिल रही है। मानसून के बेहतर रहने से ग्रामीण मांग निकलेगी। हालांकि अभी गत आठ जुलाई तक खरीफ की बुवाई में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9.3 फीसद की कमी है।