Retail Inflation: रिटेल महंगाई के जून के आंकड़े आज होंगे जारी

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नई दिल्ली। Retail Inflation: खुदरा महंगाई के जून के आंकड़े आज जारी होंगे। उसके छह फीसदी के करीब आने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि, पिछले पांच माह से यह छह फीसदी से ऊपर रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट और मिंट के सर्वे के सर्वे में आर्थिक विशेषज्ञों ने यह राय जाहिर की है। कृषि उपज समेत अन्य कमोडिटी की कीमतों में आई गिरावट की वजह से आपको जल्द महंगाई से राहत मिल सकती है।

इसमें कहा गया है कि मौजूदा समय में आपूर्ति परिदृश्य बेहतर नजर आ रहा है और सभी संकेतक वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच बेहतर संकेत दे रहे हैं, जिससे महंगाई में कमी आने की गुंजाइश बन रही है।

रूस-यूक्रेन संकट की वजह से दुनिया भर में आपूर्ति की दिक्कतों और कमोडिटी के दामों में तेजी से महंगाई बढ़ी है। इस पर अंकुश के लिए भारत समेत दुनिया के तमाम केंद्रीय बैंकों ने रेपो दर में इजाफा किया, जिससे कर्ज महंगे हो गए। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई नरम पड़ेगी तो केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि के रुख को स्थिर रख सकते हैं, जिससे लोगों को महंगे कर्ज से भी राहत मिल सकती है।

कमोडिटी के दाम 14 फीसदी घटे: ब्लूमबर्ग कमोडिटी इंडेक्स में पिछले माह 14 फीसदी की गिरावट आई है। इससे भारत में खुदरा महंगाई तेजी से घटने की उम्मीद की जा रही है। वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे तेल यानी क्रूड के दाम में भी चार फीसदी से अधिक की कमी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके असर से खुदरा महंगाई नरम पड़ने की उम्मीद है।

मौद्रिक नीति पर भी असर पड़ेगा: भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने पिछले दिनों कहा किवित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही (अक्टूबर से मार्च के बीच) में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है जिससे अर्थव्यवस्था की चुनौतियां कम होंगी। दास ने संकेत दिए कि महंगाई में कमी आने पर आरबीआई को कठोर मौद्रिक नीति वाले फैसले लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। महंगाई पर अंकुश के लिए मई और जून में आरबीआई ने 0.90 फीसदी रेपो दर बढ़ा दिया था।

इस्पात सस्ता होने से घर की लागत घटेगी: कमोडिटी की कीमतों में कमी का असर इस्पात के दाम पर भी पड़ा और इसमें नरमी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस्पात सस्ता होने से घर बनाने की लागत घटेगी जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को होगा। साथ ही इन्फ्रा क्षेत्र में काम तेजी से बढ़ेगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस बीच सरकार ने इस्पात के निर्यात पर लगा शुल्क भी वापस लेने के संकेत दिए हैं।