मुंबई। शिवसेना के बागी विधायकों का समूह आज महाविकास अघाड़ी सरकार से समर्थन वापस ले सकता है। साथ ही समूह के मुखिया कहे जा रहे विधायक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी को पत्र भेज सकते हैं। खास बात है कि गुरुवार को शिंदे समूह में विधायकों की संख्या 37 पार पहुंच गई है।
राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे और पूर्व मंत्री संजय राठौड़ की एंट्री के साथ ही यह माना जा रहा है कि शिंदे समूह ने दल बदल कानून की बाधा को पार कर कर लिया है। इसके लिए उन्हें विधायकों की संख्या 37 तक पहुंचने की जरूरत थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन एमवीए सरकार को गिराने की प्रक्रिया शुक्रवार को रफ्तार पकड़ सकती है।
शिंदे खेमे में शामिल नेताओं का कहना है कि सेना के लैटरहेड पर पत्र राज्यपाल को भेजा जाएगा, जिसपर कम से कम 37 विधायकों के हस्ताक्षर होंगे। समर्थक समूह में 7 निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं।
अगर शिंदे समूह सरकार से समर्थन वापस ले लेता है, तो राज्यपाल सीएम ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहेंगे। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिंदे के व्यक्तिगत तौर पर पहुंचकर राज्यपाल को पत्र सौंपने की संभावनाएं कम हैं।
बीजेपी भी हो रही है तैयार: एमवीए में तनातनी के बीच भारतीय जनता पार्टी भी निर्दलीय विधायकों को अपने पक्ष में शांति से लाने में जुटी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी बंद दरवाजों के पीछे अपना संख्याबल बेहतर करने में जुटी हुई है। गुरुवार को निर्दलीय विधायक गीता जैन ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी।