ब्रह्मकुमारीज संस्थान ने मानवता को राजयोग का मार्ग दिखाया: स्पीकर बिरला

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नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नैतिकता, श्रेष्ठ एवं सम्पूर्ण मानवीय गुणों से युक्त नागरिक एवं सभ्य समाज के निर्माण की दिशा में ब्रह्मकुमारीज संस्थान का बहुत बड़ा योगदान है।

उन्होंने कहा कि इस संस्था ने संसार को अध्यात्म और आत्म विकास की महान सीख दी है और ग्लोबल वर्ल्ड में नैतिक विकास को विशेष महत्व दिया है। बिरला शनिवार को तालकटोरा स्टेडियम में ब्रह्मकुमारीज संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मानव कल्याण के लिए समर्पित इस संस्था द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान का शुभारंभ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। बिरला ने प्रसन्नता व्यक्त की कि अपने अभियान के अंतर्गत इस संस्था ने जनकल्याण के कार्यों का विस्तार दिया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, आध्यात्म प्रसार सहित जीवन के विविध क्षेत्रों में आप अपने सेवा कार्यों को लेकर गए हैं, जो अनुकरणीय है।

सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना की प्रतीक इस संस्था ने समस्त मानवता को राजयोग का मार्ग दिखाया है, जिसके माध्यम से मनुष्य अपनी आंतरिक ऊर्जा को सक्रिय करते हुए स्वयं को परमात्मा से जोड़ देता है। उन्होंने कहा कि यह आध्यात्मिक उन्नति हमारे युवा जन और प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयोगी हो सकती है।

लोक सभा अध्यक्ष ने यह रेखांकित किया कि मानव सभ्यता के विकास काल से ही भारत अध्यात्म, शांति और मानवता के प्रति प्रेम का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म हमारी जीवन शैली में है और वेदों और उपनिषदों जैसे हमारे प्राचीन ग्रन्थों में भी अध्यात्म और विश्व शांति की शिक्षा दी गई है। उन्होंने स्मरण किया कि हमारे महान संतों और तपस्वियों ने अध्यात्म, योग और ध्यान को लोकप्रिय बनाया है।

बिरला ने कहा कि भारत विश्व के सबसे युवा देशों में शामिल है। हमारी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे युवाओं और मानव संसाधन का अनुकूलतम उपयोग होता है तो भारत विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका में होगा।

बिरला ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि स्वर्णिम भारत का निर्माण तभी हो सकता है, जब देश का हर एक वर्ग, हर एक व्यक्ति पूरी निष्ठा के साथ आगे बढ़ने का सामूहिक प्रयास करे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र नव निर्माण के इस महायज्ञ में प्रत्येक संस्था, प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्रीय दायित्वों और कर्तव्यों का निर्वहन करना है।

उन्होंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव वास्तव में एक ऐसा विजन है, एक ऐसा विचार है जो देश की अंतर्निहित शक्तियों को राष्ट्र निर्माण के लिए काम में लाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सबको जोड़ने का मंत्र है, एक समावेशी विचारधारा है, जिसका अंतिम लक्ष्य देश के स्वर्णिम भविष्य का निर्माण करना है।

बिरला ने लोगों का आह्वान किया कि हमारा हर कार्य राष्ट्र के लिए समर्पित हो, हमारी निष्ठा राष्ट्र के प्रति हो। इस मिशन में ब्रह्मकुमारीज के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनके प्रयासों से नागरिकों के आध्यात्मिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त होगा।