कोटा। एचडीएफसी बैंक और गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने आज संयुक्त रूप से महिला एथलीटों और कोचों के लिए दो चरणों में छात्रवृत्ति कार्यक्रम “अनस्टॉपेबल-करके दिखाउंगी” (unstoppable karke dikhaungi) का शुभारंभ किया। सभी सामाजिक पहलों के लिए एचडीएफसी बैंक के अम्ब्रेला ब्रांड और सीएसआर पहल परिवर्तन के तत्वावधान में यह कार्यक्रम देश भर से प्रतिभाशाली महिला एथलीटों की पहचान करेगा और खेलों में उत्कृष्टता की उनकी खोज का समर्थन करेगा।
गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा परिकल्पित, यह पहल भारत में खेलों में महिलाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। फाउंडेशन 3 साल के लिए विशेष भागीदार के रूप में एचडीएफसी बैंक के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के साथ उसको कार्यान्वित करेगा। यह कार्यक्रम खेल विषयों-ओलंपिक, पैरालंपिक, शीतकालीन खेलों और मोटरस्पोर्ट्स में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के योग्य एथलीटों से आवेदन आमंत्रित कर रहा है।
इसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के एथलीटों को उनकी खेल क्षमता हासिल करने में मदद करना है। इस के लिए आवेदन 24 मई से 24 जून तक एक महीने के लिए खुले हैं। चुने गए एथलीटों को आंतरिक मूल्यांकन और अगले चरणों के लिए आगे की शॉर्टलिस्टिंग के लिए बुलाया जाएगा। इसमें कोचों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया, साक्षात्कार के दौर और उनकी मेहनत को देखा जाएगा। एथलीटों की चयन प्रक्रिया में करीब 100 दिन लगेंगे। 20 एथलीटों को उनकी खेल यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए और उनके करियर में महत्वपूर्ण अवसरों के लिए छात्रवृत्ति और समग्र समर्थन से सम्मानित किया जाएगा।
इस प्रक्रिया के तीसरे दौर में शीर्ष 100 शॉर्टलिस्ट किए गए एथलीटों को पूरे वर्ष कई संबंधित और प्रासंगिक विषयों पर शिक्षा कार्यशालाओं तक पहुंच प्राप्त होगी। कार्यक्रम के दूसरे चरण में कोचों के लिए और साथ ही वार्षिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन खोले जाएंगे। एथलीटों के समान, उन्हें उनके विकास और विकास के लिए वित्तीय और गैर-वित्तीय सहायता की पेशकश की जाएगी। यह कार्यक्रम एथलीटों को औसतन 5-10 लाख रुपये और कोचों को लगभग 5 लाख रुपये की वार्षिक वित्तीय छात्रवृत्ति प्रदान करेगा।
यह देखा गया है कि भारत की खिलाड़ियों को अक्सर उचित बुनियादी ढांचे की कमी, वित्तीय पारिश्रमिक की कमी, प्रतिबंधात्मक सांस्कृतिक हठधर्मिता आदि कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन चुनौतियों से निपटना है। उनकी प्रतियोगिता और यात्रा, प्रशिक्षण, उपकरण, कोचिंग और खेल के साथ-साथ विज्ञान की आवश्यकताओं के अनुसार समाज के लिए नई महिला चौंपियन और रोल मॉडल बनाकर भारतीय खेलों में समानता और समावेशिता बढ़ाने की दिशा में काम करेगा।