एपेक्स बोर्ड की देखरेख में होगी जेईई मेंस और एडवांस

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नई दिल्ली। अगले दो सालों तक यानी वर्ष 2022 और 2023 में आइआइटी सहित इंजीनियरिंग के अंडर ग्रेजुएट कोर्सों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली जेईई (ज्वाइंट एंट्रेस एक्जाम) मेंस और जेईई एडवांस जैसी परीक्षाओं का जिम्मा अब 19 सदस्यीय एक नए शीर्ष बोर्ड के पास होगा। इंजीनियरिंग में दाखिले से जुड़ी राष्ट्रीय स्तर पर की इस परीक्षाओं के सुचारू आयोजन के लिए सरकार ने इस बोर्ड का गठन किया है। जिसके चेयरमैन आइआइटी मद्रास के पूर्व निदेशक प्रोफेसर भास्कर रामामूर्ति होंगे। इसके साथ ही बोर्ड का अपना एक सचिवालय भी होगा, जो इससे जुड़ी गतिविधियों पर पूरे समय काम करेगा।

19 सदस्यीय नए बोर्ड का किया गठन:शिक्षा मंत्रालय ने जेईई मेंस व जेईई एडवांस परीक्षाओं को और पारदर्शी और बेहतर बनाने के लिए नए जेईई शीर्ष बोर्ड ( जेईई एपेक्स बोर्ड) का गठन किया है, जो इससे पहले काम कर रहे बोर्ड का स्थान लेगा। जिसका कार्यकाल 31 मार्च 2022 को खत्म हो गया था। हालांकि बोर्ड पिछले बोर्ड की तुलना में काफी विस्तृत है। साथ ही इसके काम-काज को बेहतर बनाने के लिए कुछ नए उपाय भी किए गए है।

सर्वाधिकार बोर्ड के पास: इसमें पूर्णकालिक सचिवालय का गठन शामिल है। खास बात यह है कि इस बोर्ड के पास जेईई मेंस परीक्षा से जुड़ी नीति, नियम व व्यवस्था देने का अधिकार होगा। इसके साथ ही यह परीक्षा से जुड़े प्रशासनिक निर्णय लेने सहित वित्तीय व न्यायालय से जुड़े मामलों को भी देखेगा। बोर्ड का सदस्य सचिव नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एनटीए ) के डायरेक्टर जनरल ( डीजी ) को बनाया गया है।

जेईई मेंस परीक्षा से ठीक पहले सरकार की ओर से गठित इस नए शीर्ष बोर्ड में आइआइटी खड़गपुर, बांबे व गुवाहाटी के निदेशकों को भी रखा गया है। इसके साथ ही बोर्ड में एनआइटी व ट्रिपल आइटी के निदेशकों के साथ हरियाणा, बिहार, गुजरात व कर्नाटक राज्य सरकारों के एक-एक प्रतिनिधियों, सीबीएसई चेयरमैन और शिक्षा मंत्रालय के भी अतिरिक्त सचिव को रखा गया है।

गौरतलब है कि जेईई मेंस के पहले चरण की परीक्षा 20 जून से आयोजित होनी है, जबकि दूसरे चरण की परीक्षा जुलाई में होना है। वहीं जेईई एडवांस की परीक्षा अगस्त में प्रस्तावित है। इस सब के बीच कोरोना संकट के चलते जेईई मेंस व एडवांस परीक्षाओं के पटरी से उतरे शेड्यूल को भी ठीक करने का भारी दबाव है।