नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्राहकों के हितों की अनदेखी करने पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 36 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई के मुताबिक बैंक पर यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में कमी के आधार पर की गयी है। आरबीआई ने कहा कि जांच और बैंक की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी का जवाब दिए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है। केंद्रीय बैंक, जवाब से संतुष्ट नहीं है।
इस बीच, आरबीआई ने गत छह-आठ अप्रैल तक हुई एमपीसी की छह सदस्यीय बैठक में हुई चर्चाओं का ब्योरा शुक्रवार को जारी किया। एमपीसी ने इस बैठक में तय किया था कि रेपो दर को पुराने स्तर पर ही बनाए रखा जाएगा। यह लगातार 11वां मौका था जब एमपीसी ने उधार लेने की लागत से जुड़ी रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। बढ़ती मुद्रास्फीति के बावजूद आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए यह कदम उठाया गया।
बैठक के ब्योरे के अनुसार आरबीआई के गवर्नर ने कहा था, “स्थिति गतिशील है और तेजी से बदल रही है। हमें लगातार स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए और उसके अनुसार अपने कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।”
आरबीआई ने इस बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया, जबकि फरवरी में इसके 4.5 फीसदी रहने का पूर्वानुमान जताया गया था। इसके साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर पूर्वानुमान को भी 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया।