बीकानेर। राजस्थान में कोटा के बाद अब बीकानेर में धारा 144 लगाई गई है। इसके तहत अब किसी भी यात्रा, रैली और जुलूस के लिए आयोजकों को संबंधित थानाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इस आदेश के बाद स्थानीय लोग नाराज हो गए। उन्होंने इसे कांग्रेस सरकार की हिन्दुओं के खिलाफ तुष्टिकरण की निति बताया है।
जिला मजिस्ट्रेट भगवती प्रसाद ने आदेश जारी कर दिए है। बीकानेर में 2 अप्रैल को आयोजित होने वाली हिंदू धर्म यात्रा औऱ महाआरती से पहले धारा 144 लगाने पर सवाल खड़े हो गए है। हिंदूवादी नेताओं ने गहलोत सरकार के आदेश को यात्रा रोकने का प्रयास बताया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कोटा जिले में भी धारा 144 लगाई गई थी। जिसको लेकर काफी बवाल मचा था। भाजपा ने द कश्मीर फाइल्स फिल्म को नहीं देखने की कवायद बताया था। हालांकि, मामले के तूल पकड़ने पर जिला प्रशासन को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।
जिला मजिस्ट्रेट भगवती प्रसाद के आदेश के मुताबिक अनुसार बीकानेर के नगरीय सीमा क्षेत्र के प्रमुख मार्गों, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बिना प्रशासनिक अनुमति के विभिन्न अवसरों पर रैली, जुलूस, प्रदर्शनी इत्यादि का आयोजन करने से यातायात व्यवस्था और कानून एवं व्यवस्था बिगड़ने की आशंका रहती है। इसके साथ ही जन सुरक्षा और लोक परिशांति भंग होने की भी पूरी संभावना रहती है।
इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जन सुरक्षा और लोक परिशांति बनाए रखने की दृष्टि से दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है। यह आदेश आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेगा।
बीकानेर जिला कलेक्टर के आदेश से स्थानीय लोग नाराज हो गए है। लोग सोशल मीडिया पर प्रशासन के निर्णय की आलोचना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर पक्ष और विपक्ष में तर्क दिए जा रहे हैं। कुछ लोग प्रशासन के निर्णय का समर्थन कर रहे हैं। जबकि कुछ लोग इसे गलत बता रहे हैं। कई लोगों ने इस आदेश को राजनीति से प्रेरित बताते हुये ऐतिहासिक धर्मयात्रा के आयोजन की बात भी कही है। कोरोना के कारण दो साल से स्थगित चल रही हिन्दू धर्म यात्रा की तैयारियों के बीच मंगलवार को जारी इस आदेश का विरोधी शुरू हो गया है।