कोटा। सहारा इंडिया परिवार ने पटना हाई कोर्ट के समक्ष कहा कि सेबी के पास 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा है, वह सहारा कंपनीज़ के निवेशकों के पुनर्भुगतान के लिए है। किंतु निवेशकों को सेबी से भुगतान नहीं मिला है और यह धनराशि सेबी के पास व्यर्थ पड़ी है। विगत् 9 वर्षों में सेबी ने निवेशकों को केवल रुपये 128 करोड़ का ही पुनर्भुगतान किया है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में समूह की अन्य कंपनियों के निवेशकों की देनदारी चुकाने के प्रति कोई रोक नहीं है। पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी सम्मन के अनुसरण में 8 मार्च, 2022 को सहारा की ओर से न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने एक लिखित उत्तर में यह बात कही।
सहारा के वकील द्वारा दाखिल की गई दलीलों का सेबी के वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उच्च न्यायालय ने सेबी को 25 मार्च को या उससे पहले लिखित में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय द्वारा उठाए गए सभी सवालों के जवाब देने के लिए मुंबई में सेबी के हेड ऑफ़िस का एक ज़िम्मेदार अधिकारी 28 मार्च को अदालत में उपस्थित हो।