केंद्र के राजस्व संग्रह में सुधार, राजकोषीय घाटा सालाना बजट लक्ष्य का 46.2% रहा

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नई दिल्ली। राजस्व संग्रह में सुधार के कारण केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा नवंबर के अंत में वित्त वर्ष 2021-22 के वार्षिक बजट लक्ष्य का 46.2 प्रतिशत रहा। यह जानकारी शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से मिली है। चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक घाटे के आंकड़े पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में काफी बेहतर हैं, तब यह मुख्य रूप से COVID-19 महामारी से निपटने के लिए खर्च के कारण अनुमान का 135.1 प्रतिशत तक बढ़ गया था।

लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक रूप से घाटा नवंबर 2021 के अंत में 15.06 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक अनुमान के मुकाबले 6,95,614 करोड़ रुपये रहा। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार को घाटा जीडीपी के 6.8 फीसदी या 15,06,812 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद थी। आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर के अंत में सरकार की कुल प्राप्तियां 13.78 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 69.8 फीसदी रही हैं।

यह संग्रह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 2020-21 के बजट अनुमान का सिर्फ 37 प्रतिशत था। कर (शुद्ध) राजस्व अब तक 2021-22 के बजट अनुमान का 73.5 प्रतिशत रहा है। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बजट अनुमान 2020-21 का केवल 42.1 प्रतिशत था। सीजीए के आंकड़ों में आगे कहा गया है कि नवंबर के अंत में केंद्र सरकार का कुल खर्च 20.74 लाख करोड़ रुपये या इस साल के बजट अनुमान का 59.6 प्रतिशत रहा।

2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 प्रतिशत था, जो फरवरी में बजट में संशोधित अनुमानों में अनुमानित 9.5 प्रतिशत से बेहतर है। बता दें यह आंकड़े ऐसे वक्त के हैं, जब भारत और दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण महामारी से लड़ रही है, जिसके लिए सरकार को बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य ढांचे के लिए खर्च करना पड़ा है।