ढाई साल में दूसरी बार प्रश्नकाल में मिले सभी सवालों के जवाब, बिरला ने रचा इतिहास

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नई दिल्ली। जीरो आवर के हीरो कहलाने वाले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक बार फिर प्रश्न काल में इतिहास को दोहरा दिया। 17वीं लोकसभा के ढाई वर्ष के कार्यकाल में यह दूसरा अवसर है जब प्रश्नकाल में सभी 20 प्रश्नों के उत्तर दिए गए।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर देने की परंपरा 1972 में प्रारंभ हुई थी। लेकिन तब से 17वीं लोकसभा तक एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि सभी किसी एक प्रश्नकाल में सभी 20 प्रश्नों के उत्तर दिए गए हों।

लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद ओम बिरला ने एक नई परंपरा स्थापित की। उन्होंने सांसदों को संक्षेप में प्रश्न पूछने और मंत्रियों को भी छोटे उत्तर देने को प्रोत्साहित किया। इसका नतीजा यह निकला कि 47 वर्ष बाद 2019 में 27 नवंबर को पहली बार प्रश्नकाल में सभी प्रश्नों के उत्तर मंत्रियों ने दिए।

उस समय सभी वर्गों ने इसे एक अप्रत्याशित उपलब्धि बताते हुए सदन के संचालन में लोकसभा अध्यक्ष बिरला के कौशल और नवाचारों की सराहना की थी। इसके बाद एक बार फिर 17वीं लोकसभा के 7वें सत्र में सोमवार को प्रश्नकाल में स्पीकर बिरला ने सभी 20 प्रश्नों को लिया और मंत्रियों को उनके उत्तर सदन में देने का अवसर उपलब्ध करवाया।

इस तरह 17वीं लोकसभा में यह दूसरी बार हुआ जब प्रश्नकाल में सभी 20 तारंकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए हों। उल्लेखनीय है कि इसके अलावा पहले ही सत्र में नवनिर्वाचित 265 सदस्यों में से 229 को सदन में विषय उठाने के अवसर देने, एक सत्र में 1066 तथा एक दिन में सर्वाधिक 161 सदस्यों को शून्यकाल में बोलने का अवसर देने का रिकाॅर्ड भी बिरला के नाम है।