नए नियमों के मुताबिक अगर कोई ग्राहक खाता खुलवाने के एक वर्ष के भीतर उसे बंद करवाता है तो उसे किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा
नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मिनिमम मंथली बैलेंस के नियमों में राहत देने के बाद अब अपने ग्राहकों के लिए नया तोहफा दिया है।
एसबीआई की ओर से किये गये ट्वीट के मुताबिक बैंक पहली अक्टूबर से एकाउंट बंद कराने के चार्जेस में बदलाव कर रहा है। बैंक ने अगले महीने की पहली तारीख से मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस (एमएबी) के नए नियमों को लागू करने का एलान किया था।
नए नियमों के मुताबिक अगर कोई ग्राहक खाता खुलवाने के एक वर्ष के भीतर उसे बंद करवाता है तो उसे किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा। साथ ही यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके खाते की सेटलमेंट की जाती है और खाता बंद किया जाता है तो उस स्थिति में भी कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
रेग्युलर सेविंग बैंक एकाउंट और बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट एकाउंट के बंद कराने पर भी किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। मौजूदा समय में इस तरह के सभी खातों को बंद करने या सेटल कराने पर 500 रुपये का शुल्क और वस्तु एवं सेवा कर लिया जाता है।
भारतीय स्टेट बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यदि कोई खाताधारक एकाउंट खुलने के 14 दिनों के भीतर उसे बंद करवाता है तो कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। लेकिन एकाउंट खुलवाने के 14 दिन बाद से लेकर एक वर्ष के भीतर बंद किया जाता है तो 500 रुपये शुल्क के साथ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लिया जाएगा।
इससे पहले सोमवार को एसबीआई ने मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस (एमएबी) लिमिट को कम कर दिया था। अब मेट्रो शहरों में सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर के लिए 3,000 रुपए का मिनिमम एवरेज बैलेंस (मंथली) ही अनिवार्य होगा। इससे पहले यह लिमिट 5,000 रुपए थी। यह नया नियम 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
बैंक ने बताया कि उसने फैसला किया है कि मेट्रो शहरों में मिनिमम एवरेज बैलेंस को घटाकर 3,000 रुपए कर दिया जाए। वहीं शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मिनिमम बैलेंस की शर्त क्रमश: 3,000 रुपए, 2,000 रुपए और 1,000 रुपए पर बरकरार रहेगी। यह जानकारी बैंक की वेबसाइट के जरिए सामने आई है।