नई दिल्ली। किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में सरकार कृषि निर्यात को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए अमेरिका व चीन समेत 13 देशों में स्थित भारतीय दूतावास में कृषि सेल की स्थापना की गई है। ये सेल उन देशों में खाद्य वस्तुओं की मांग की रियल टाइम जानकारी देंगे जिससे कृषि प्रोत्साहन की रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी देशों में अपने दूतावास को स्थानीय बाजार में भारतीय निर्यात के प्रोत्साहन में मदद करने के लिए कहा था। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में 43 अरब डालर के कृषि निर्यात का लक्ष्य रखा है। गत वित्त वर्ष में कृषि व इनसे जुड़ी वस्तुओं का निर्यात 41 अरब डालर का रहा।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अनुसार अमेरिका व चीन के अलावा यूएई, इरान, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, जापान, अर्जेटीना, नेपाल, बांग्लादेश, वियतनाम व सऊदी अरब जैसे देशों के भारतीय दूतावासों में कृषि सेल का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य उन देशों में कृषि निर्यात की संभावनाओं को तलाशना व आपूर्ति के दौरान आने वाली बाधाओं को खत्म करना है।
सूत्रों के मुताबिक अगले एक-दो महीनों से कृषि सेल के गठन का फायदा दिखने लगेगा। चीन ने भी भारत से चावल व कई अन्य प्रकार के कृषि उत्पाद का आयात शुरू किया है और भारत चीन पर अन्य कृषि पदार्थो के लिए भी अपने बाजार खोलने पर दबाव बना रहा है। बाकी सभी देश पहले से भारत से कृषि उत्पादों का आयात करते हैं जिसमें बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करने वाले कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की तरफ से 10 उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम का भी गठन किया गया है। इनमें अंगूर, प्याज, आम, केला, अनार, विभिन्न प्रकार के फूल, चावल, डेयरी उत्पाद व पोषक अनाज शामिल हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश से विभिन्न प्रकार की सब्जियों के निर्यात के लिए एपीडा पूर्वाचल के विभिन्न जिलों में निर्यात मेले का आयोजन कर रहा है।
कृषि निर्यात के प्रोत्साहन के लिए वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने पहले से व्यापक कृषि निर्यात नीति तैयार कर रखी है। सूत्रों के अनुसार अब तक 21 राज्य इस नीति के आधार पर अपने-अपने राज्यों की कृषि निर्यात नीति को अंतिम रूप दे चुके हैं। गत वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात में वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में कृषि निर्यात का योगदान 1.6 प्रतिशत रहा।