नई दिल्ली। सीमेंट की खुदरा कीमतों में अगले कुछ महीनों में फिर से 15-20 रुपये की वृद्धि हो सकती है और यह इस वित्त वर्ष में 400 रुपये प्रति बोरी के अब तक के उच्चतम स्तर को छू सकती है। साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल ने गुरुवार को यह कहा। कीमतों में वृद्धि का कारण मांग में तेजी के साथ कोयला और डीजल जैसे कच्चे माल की लागत में वृद्धि है।
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कीमतों में वृद्धि के बीच उच्च लागत के कारण सीमेंट निर्माताओं की कर पूर्व आय में इस वित्त वर्ष में 100-150 रुपये प्रति टन की गिरावट आएगी। आयातित कोयले (पहली छमाही में सालाना 120 प्रतिशत से ज्यादा) और पेटकोक (80 प्रतिशत अधिक) की कीमतों में हाल की तेजी से बिजली और ईंधन की लागत 350-400 रुपये प्रति टन (लगभग 40 प्रतिशत तक) बढ़ सकती है। सीमेंट की बिक्री चालू वित्त वर्ष में 11-13 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, इसका कारण पिछले साल तुलनात्मक आधार का कमजोर होना है।