देश में खाद्य तेलों का आयात रेकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जानिए वजह

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नई दिल्ली। कोरोना काल में देश में खाद्य तेलों का आयात रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2020-21 में भारत ने विदेशों से 1.17 लाख करोड़ रुपये (15.71 अरब डॉलर) का खाद्य तेल मंगाया जो पिछले साल की तुलना में 63 फीसदी अधिक है। Solvent Extractors’ Association of India (SEA) ने यह जानकारी दी है। वॉल्यूम टर्म्स में भारत का आयात 2020-21 मार्केटिंग वर्ष में 135.3 करोड़ टन रहा जो पिछले साल 135.2 करोड़ टन रहा था।

विदेशों में खाद्य तेल की कीमतों में तेजी से भारत का आयात बिल बढ़ा। भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। भारत के इम्पोर्ट में पाम ऑयल की मात्रा सबसे अधिक है। पाम ऑयल अभी रेकॉर्ड स्तर के आसपास ट्रेड कर रहा है। मार्केटिंग वर्ष 2020-21 में भारत का पाम ऑयल इम्पोर्ट 15.2 फीसदी बढ़कर 83.2 लाख टन पहुंच गया।

6 महीने में 3 बार आयात शुल्क में कटौती
देश में खाद्य तेल की कीमत रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी और इसमें कमी लाने के लिए सरकार पिछले 6 महीने में 3 बार खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती की है। SEA के मुताबिक मार्केटिंग वर्ष 2020-21 में भारत में सोयाबीन तेल का आयात 15 फीसदी की गिरावट के साथ 28.7 लाख टन पहुंच गया जबकि सनफ्लावर ऑयल का आयात भी करीब एक चौथाई गिरकर 19 लाख टन रह गई।

भारत पाम ऑयल इंडोनेशिया और मलेशिया से खरीदता है, सोयाबीन तेल का आयात अर्जेंटीना और ब्राजील से किया जाता है। भारत सनफ्लावर ऑयल रूस और यूक्रेन से मंगाता है। SEA के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीवी मेहता ने कहा कि नए मार्केटिंग वर्ष में भारत के वेजिटेबल ऑयल आयात में मामूली गिरावट आ सकती है।

इसकी वजह यह है कि देश में सोयाबीन, मूंगफली और रेपसीड की घरेलू आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है। खाद्य तेलों का मार्केटिंग वर्ष 1 नंवबर से 31 अक्टूबर तक है। मेहता ने कहा कि कीमतों के रेकॉर्ड पर पहुंचने से मांग में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि 2021-22 में पाम ऑयल के आयात में कमी आ सकती है क्योंकि हाल के महीनों में इसकी कीमत में काफी तेजी आई है। इससे सोयाबीन तेल और सनफ्लावर ऑयल के आयात में तेजी आ सकती है।