मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार अनिल देशमुख 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

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मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल देशमुख को एक नवंबर को 12 घंटे की पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उन्हें छह नवंबर तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था। शनिवार को विशेष अवकाशकालीन कोर्ट में अनिल देशमुख को पेश किया गया। ईडी ने कोर्ट से 9 दिनों की और हिरासत मांगी, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई।

कोर्ट ने ईडी की हिरासत बढ़ाने वाली याचिका को खारिज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अनिल देशमुख की हिरासत अवधि शनिवार को खत्म हो रही थी। इसको लेकर उन्हें विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री को उम्मीद थी कि उन्हें न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाएगा। कोर्ट से उन्हें जमानत मिल सकती है, लेकिन उन्हें बड़ा झटका लगा है।

सीबीआई ने दर्ज किया मामला
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था। इसके अलावा अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ बाद में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया। ईडी ने सीबीआई द्वारा 21 अप्रैल को एनसीपी के सीनियर नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद जांच शुरू की। अनिल देशमुख और उनके साथियों की जांच चल रही है।

पद का दुरुपयोग करने के आरोप में एफआईआर
सीबीआई ने देशमुख पर भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं, ईडी का आरोप है कि देशमुख ने राज्य का गृह मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार और रेस्त्रां से 4.70 करोड़ रुपये से अधिक एकत्रित किए। ईडी ने मामले में दो अन्य व्यक्तियों संजीव पलांदे और कुंदन शिंदे को भी गिरफ्तार किया है। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं।