दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मौजूदा वेज सीलिंग 15,000 रुपए को बढ़ा कर 25,000 रुपए करने का प्रस्ताव वापस ले लिया है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि वित्त मंत्रालय के दबाव में ईपीएफओ ने यह फैसला किया है। इससे 1 करोड़ कर्मचारियों को पीएफ बेनिफिट नहीं मिल पाएगा।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के एजेंडे में था प्रपोजल
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) के मेंबर बीएल सचदेवा ने बताया वेज सीलिंग बढ़ा कर 25,000 रुपए करने का प्रस्ताव 30 मार्च को हुई सीबीटी बैठक के एजेंड में था। उस बैठक में इस प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं हो पाया था। लेकिन बुधवार को हुई सीबीटी की बैठक वेज सीलिंग बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं था। वित्त मंत्रालय के दबाव में ईपीएफओ ने यह प्रस्ताव वापस लिया है।
वेज सीलिंग बढ़ने से वित्त मंत्रालय पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ
ईपीएफ के तहत मौजूदा वेज सीलिंग 15,000 रुपए है। यानी 15,००० रुपए बेसिक सैलरी और डीए वाले कर्मचारियों को पीएफ बेनेफिट देना जरूरी है। वेज सीलिंग बढ़ कर 25,000 रुपए हो जाने से लगभग 1 करोड़ अतिरिक्त कर्मचारी पीएफ के दायरे में आए जाएंगे। केंद्र सरकार ईपीएफओ की पेंशन स्कीम में 1.16 फीसदी कंट्रीब्यूट करती है। यानी उसे 1 करोड़ अतिरिक्त कर्मचारियों के पेंशन फंड में 1.16 फीसदी का योगदान देना होगा।
ट्रेड यूनियंस ने जताई नाराजगी
बीएल सचदेवा का कहना है कि सीबीटी के एजेंड में काफी समय के बाद इम्प्लॉइज के लिए कोई प्रपोजल आया था। वित्त मंत्रालय के दबाव में ईपीएफओ ने इसे भी वापस ले लिया है। ऐसे में इम्प्लॉइज के हितों की रक्षा को लेकर सीबीटी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठते हैं । …