मनी लॉन्ड्रिंग केस : ना-ना करते आखिर ED के दफ्तर पहुंचे अनिल देशमुख

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मुंबई। आखिरकार महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के दफ्तर पहुंचे हैं। उनसे मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में पूछताछ की जाएगी। अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने कई समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था।

हालांकि बीते कई महीनों से वे ईडी के समन को नजरअंदाज करते हुए पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे। ईडी के समक्ष हाजिर ना होने के उन्होंने अलग-अलग कारण भी दिए थे।

अनिल देशमुख ने ईडी दफ्तर जाने से पहले अपने ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो बाइट जारी किया है। उन्होंने इसमें कहा है कि जब ईडी ने समन किया तो मैंने उन्हें सहयोग किया है। मैंने उन्हें कहा था कि जब हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस का फैसला हो जाएगा, तब मैं आऊंगा। दो बार सीबीआई ने रेड की, उसमें भी मैंने सहयोग किया।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मेरा फैसला नहीं आया है लेकिन मैं खुद ईडी दफ्तर आया हूं। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह ने मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए थे। आज वही परमबीर सिंह विदेश भाग गए हैं। ऐसी खबरें न्यूज़ चैनलों और अखबारों के जरिए सामने आ रही है। उन्हीं परमबीर सिंह के खिलाफ पुलिस विभाग में कई शिकायतें आज भी दर्ज हैं।

जानकारी के मुताबिक अनिल देशमुख सुबह 11:50 पर ईडी कार्यालय में पहुंचे। देशमुख के एडवोकेट इंद्रपाल सिंह के मुताबिक देशमुख को ईडी द्वारा बुलाया नहीं गया था। वे खुद अपनी तरफ से जांच में सहयोग के लिए पहुंचे हैं। इंद्रपाल सिंह के मुताबिक कोर्ट ने देशमुख को कहा था कि जो भी मामला अब तक सामने आया है। उसमें फिलहाल देशमुख आरोपी नहीं हैं। ऐसे में देशमुख ईडी के दफ्तर में जांच के सहयोग के लिए जा सकते हैं।

100 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली का आरोप
अनिल देशमुख के ऊपर मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर देशमुख के खिलाफ सचिन वझे के जरिए 100 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली का गंभीर आरोप लगाया था।

हालांकि इस मामले में अनिल देशमुख ने खुद को बेदाग बताते हुए कहा था की परमबीर सिंह को कमिश्नर की पोस्ट से हटाने के बाद में उन्होंने यह आरोप दुर्भावना से ग्रसित होकर लगाया है। आपको बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने भी अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।