कम मात्रा में ड्रग्स मिलना अपराध नहीं माना जाए : सामाजिक न्याय मंत्रालय

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नई दिल्ली। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नशीली दवा एवं मादक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की समीक्षा में निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में मादक पदार्थ (ड्रग्स) रखने को अपराध की श्रेणी से हटाने की सिफारिश की है। मंत्रालय ने अपनी समीक्षा राजस्व विभाग को सौंप दी है। वर्तमान में एनडीपीएस अधिनियम के तहत राहत या छूट का कोई प्रविधान नहीं है। अधिनियम के तहत आरोपित अभियोजन और कारावास से तभी बच सकता है, यदि वह स्वत: पुनर्वास केंद्र जाने की इच्छा जताता है।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते राजस्व विभाग के साथ साझा की गई अपनी सिफारिशों में मंत्रालय ने निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में मादक पदार्थ के पाए जाने पर उसे अपराध की श्रेणी से हटाने का सुझाव दिया। एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में नशीले पदार्थ के साथ पकड़े जाने पर व्यक्ति को जेल भेजे जाने के बजाय सरकारी केंद्रों में अनिवार्य उपचार के लिए भेजा जाना चाहिए।

भारत में मादक पदार्थ रखना दंडनीय अपराध है और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 में मादक पदार्थ के इस्तेमाल के लिए एक साल तक की कैद या 20,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रविधान है। अभिनेता शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान को इसी धारा के तहत गिरफ्तार किया गया है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से यह पहल ऐसे वक्‍त में की गई है जब बालीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का मामला गरमाया हुआ है। हाल ही में क्रूज जहाज पर छापेमारी में मादक पदार्थ मिलने के मामले में आर्यन खान और कई अन्‍य लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आर्यन ने विशेष एनडीपीएस अदालत में जमानत के लिए याचिका दायर की थी जो खारिज हो गई थी। इसके बाद आर्यन के वकीलों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर कर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी।