लखनऊ। कोविड के बाद पहली बार हुई GST काउंसिल की फिजिकल मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए। कई सामान पर GST का रेट घटा दिया गया, तो कई में इजाफा किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चर्चा के बाद यह फैसला किया गया कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का सही समय नहीं है।
GST काउंसिल की मीटिंग में कैंसर और कोरोना की दवाएं सस्ती करने का फैसला हुआ। वहीं, जोमैटो और स्विगी जैसे ऐप से खाना ऑर्डर करना महंगा हो गया है। आइसक्रीम का स्वाद लेना भी महंगा होगा। आइए देखते हैं कि GST काउंसिल के आज के फैसले से क्या चीजें महंगी हुई हैं और क्या सस्ती।
कोरोना की दवाएं
कोरोना की दवाओं पर दी जा रही GST से छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी। इनके अलावा कैंसर के इलाज में काम आने वाली दवाओं पर भी GST टैक्स का रेट 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
बाहर का खाना
स्विगी और जोमैटो जैसे ऐप पर 5% का टैक्स लगेगा। टैक्स वहां कटेगा, जहां डिलीवरी की जाएगी। कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है, लेकिन कई आइटम के टैक्स रेट में बढ़ोतरी की गई है।
कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक
खाने-पीने के सामान में कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक महंगा हुआ है। इस पर 28% का GST और उसके ऊपर 12% का कंपनसेशन सेस लगेगा। पहले इस पर सिर्फ 28% का GST लग रहा था। फ्रूट जूस या फ्रूट पल्प जूस पर 12% का GST लगता है।
आइसक्रीम
आइसक्रीम पार्लर का मजा महंगा हो जाएगा। इस पर 18% टैक्स लगेगा, 5% नहीं जैसा कि 2017 में GST सिस्टम लागू किए जाने के बाद से लगता रहा है। सरकार ने इसको लेकर क्लैरिफिकेशन जारी किया है।
सुपारी
मीठी सुपारी और कोटेड इलायची अब महंगी पड़ेगी। सरकार ने इसको लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। इस पर 5% GST लगता रहा था जो अब 18% हो गया है।
बायोडीजल
डीजल में ब्लेंडिंग के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को दिए जाने वाले बायो डीजल पर लागू GST का रेट 12% से घटाकर 5% किया गया है। ऐसे में डीजल की गाड़ियां चलाने वाले थोड़े सस्ते फ्यूल की उम्मीद कर सकते हैं।
कलम
एक खबर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को प्रभावित करने वाली है। हर तरह की कलम पर लगने वाले GST का रेट एकसमान 18% कर दिया गया है। अब तक इन पर 12% से 18% तक का GST लगता रहा है।
रेट्रोफिटेड वाहन
दिव्यांगों के रेट्रोफिटेड वाहनों (जिन गाड़ियों में उनकी जरूरत के हिसाब से मॉडिफिकेशन किया जाता है) पर लगने वाले GST के रेट को घटाकर 5% दिया गया है।
ट्रेनिंग प्रोग्राम टैक्स-फ्री
उन लोगों के लिए अच्छी खबर है, जो किसी सरकारी सपोर्ट वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हैं और जिसका 75% तक खर्च सरकार उठाती है। उनको अब ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए GST नहीं देना पड़ेगा। अभी सिर्फ 100% सरकारी फंडिंग वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम ही टैक्स फ्री होते हैं।
मेटल
आयरन, कॉपर, जिंक, एल्यूमीनियम और कुछ दूसरे मेटल पर GST का रेट 5% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। ऐसे में कई तरह के इलेक्ट्रिकल उपकरण महंगे हो सकते हैं।
ट्रांसपोर्ट कॉस्ट
पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सर्विस देने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को टैक्स के दायरे में लाया गया है। यह टैक्स अगले साल 1 जनवरी से लागू होगा। इससे आपकी ट्रांसपोर्ट कॉस्ट में बढ़ोतरी हो सकती है।
ईंट-भट्ठा
ईंट-भट्ठा सेक्टर को सर्विसेज सेक्टर की तर्ज पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) बिना 6% के फ्लैट रेट से GST देना होगा। इनपुट कॉस्ट क्रेडिट के साथ टैक्स रेट मौजूदा पांच पर्सेंट से बढ़कर 12% हो जाएगा। कंपोजिशन स्कीम में टैक्सपेयर्स को GST की औपचारिकताओं की पेचीदगी से छुटकारा मिलता है।