अब कोरोना वैक्सीन की डिलीवरी करेगा ड्रोन, ICMR को मिली सशर्त मंजूरी

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नई दिल्ली। उड्डयन मंत्रालय (Aviation Ministry) ने सोमवार को कहा कि उसने और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बांबे को ड्रोन के इस्तेमाल की सशर्त मंजूरी दे दी है। मानव रहित वायुयान यानि ड्रोन रक्षा, कृषि के साथ-साथ ई-कामर्स, मौसम विज्ञान, आपदा प्रबंधन में तो पर्याप्त सहायता दे ही रहा अब यह स्वास्थ्य क्षेत्र में भी उतारा जा रहा है।

मंत्रालय ने बताया कि ICMR को अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, मणिपुर और नगालैंड में सुदूर इलाकों में टीकों के वितरण के लिए 3,000 मीटर तक की ऊंचाई पर ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। दो दिन पहले, केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तेलंगाना के विकाराबाद में अपनी तरह की पहली ‘मेडिसिंस फ्राम द स्काई’ (आसमान से दवाएं) परियोजना शुरू की जिसके तहत ड्रोन की मदद से दवाओं और टीके की आपूर्ति की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि आइआइटी, बांबे को भी अपने परिसरों में शोध, विकास एवं परीक्षण उद्देश्यों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की सशर्त अनुमति दी गई है। IIT और ICMR दोनों संस्थानों को ड्रोन नियम, 2021 के तहत सशर्त छूट दी गई है।

जानें ड्रोन नियम 2021

  • ड्रोन को डिजिटल पंजीकृत कराना अनिवार्य
  • ड्रोन की उपस्थिति और उनकी उड़ान के बारे में सूचना अनिवार्य
  • ड्रोन में लगाए जा सकेंगे 250 ग्राम या इससे कम वजन के नैनो उपकरण
  • इसमें 250 ग्राम से 2 किलोग्राम तक के माइक्रो उपकरण लगाने की अनुमति
  • छोटे ड्रोन का वजन- 2kg से 25 kg
  • मध्यम ड्रोन का वजन- 25 kg से 150 kg
  • बड़े ड्रोन 150 kg से 500 kg
  • 500 kg से अधिक वजनी ड्रोन पर विमान नियम, 1937 होगा लागू
  • ड्रोन उड़ाने से पहले योग्यता का प्रमाण पत्र जरूरी जो क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया या उनके/केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी संस्था से लिया जा सकता है।
  • ड्रोन की विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) जरूरी