नई दिल्ली। वह समय जल्द आएगा, जब आपको हाईवे पर एक भी टोल प्लाजा नहीं दिखेंगे। सरकार टोल वसूली के लिए प्लाजा की जगह GPS ट्रैकिंग वाला सिस्टम लागू करेगी। इसके लिए वह अगले तीन महीने में नई पॉलिसी लाएगी। यह बात सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज प्रमुख उद्योग चैंबर CII के एक कार्यक्रम में कही।
गडकरी ने आज CII के सालाना सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश में फिलहाल जीपीएस के जरिए टोल वसूली वाली टेक्नोलॉजी नहीं है। सरकार फिलहाल ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने इसी साल मार्च में कहा था कि सरकार जल्द ही टोल बूथ खत्म कर देगी। एक साल में उसकी जगह पूरी तरह जीपीएस से चलने वाला टोल कलेक्शन सिस्टम लागू कर दिया जाएगा।
सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री ने सड़कों के निर्माण में लगी कंपनियों से लागत को सीमित रखने के लिए सीमेंट और स्टील का इस्तेमाल घटाने की अपील की। उन्होंने इन दोनों सामान की लागत और मात्रा घटाने के लिए कंसल्टेंटों से नए विचारों के साथ सामने आने की अपील की है। उन्होंने घरेलू स्टील और कंपनियों पर गोलबंदी करने का आरोप भी लगाया है।
उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा था, ‘मैं सदन को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि एक साल के भीतर सभी टोल बूथ हटा लिए जाएंगे। टोल कलेक्शन जीपीएस के जरिए होने लगेगा, यानी टोल की रकम गाड़ियों पर लगी GPS इमेजिंग के हिसाब से वसूल की जाने लगेगी।’
पुरानी गाड़ियों को भी GPS से लैस करने की कोशिश
दिसंबर 2020 में गडकरी ने कहा था कि जीपीएस आधारित नया सिस्टम रूसी विशेषज्ञता वाला होगा। इस सिस्टम में गाड़ी जितनी दूरी चलेगी, उसके हिसाब से गाड़ी वाले के एकाउंट या ई-वॉलेट से टोल काट लिया जाएगा। गडकरी ने कहा था कि आजकल की पैसेंजर और कमर्शियल गाड़ियां ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के साथ आ रही हैं, इसलिए सरकार पुरानी गाड़ियों को भी GPS से लैस करने की कोशिश करेगी।
फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम
देश में फिलहाल FASTag वाला इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम लागू है। इसको नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ऑपरेट करती है। इस सिस्टम में गाड़ियों की विंडस्क्रीन पर FASTag चिपकाया जाता है। गाड़ी वालों को टोल देने के लिए बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होती। जब भी गाड़ी टोल बूथ से पास होती है, टोल की रकम गाड़ी वाले के प्रीपेड या बैंक एकाउंट से कट जाती है।