एक सर्वे में लोगों ने कहा कि दुकानदार कैश लेते हैं और जीएसटी बिल नहीं देते
नई दिल्ली। ज्यादातर लोगों को लगता है कि जीएसटी में निर्माताओं और व्यापारियों को जो फायदा हुआ है, उसका लाभ उन्होंने ग्राहकों को नहीं दिया है। इसलिए नई टैक्स व्यवस्था में उनका महीने का खर्च बढ़ गया है।
इस बीच हरियाणा सरकार ने कहा है कि वह दो सदस्यों की समिति बनाएगी, जो यह देखेगी कि टैक्स में कमी का फायदा ग्राहकों को मिला या नहीं। जीएसटी कानून की धारा 171 में लिखा गया है कि टैक्स रेट में कमी का फायदा सप्लायर के लिए ग्राहकों को देना जरूरी है।
ऑनलाइन सिटिजन प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल्स के सर्वे में शामिल 54% लोगों ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद उनका घर खर्च 30% बढ़ गया है। 20% लोगों को लगता है कि उनके खर्च पर नए टैक्स का कोई असर नहीं हुआ है। बाकी 26% खर्च का हिसाब नहीं रखते।
रसोई खर्च के मामले में 51% ने कहा कि बढ़ा है, 7% का घटा है और 26% का पहले के बराबर है। मेडिकल खर्च 47% का बढ़ा जबकि 5% का कम हुआ है। 29% ने कहा कोई फर्क नहीं पड़ा।
39% लोगों ने कहा कि दुकानदार कैश की डिमांड करते हैं और जीएसटी लगाकर बिल भी नहीं देते। 28% के मुताबिक दुकानदार डिजिटल पेमेंट तो लेते हैं, लेकिन जीएसटी का बिल नहीं देते।
मुनाफाखोरी रोकने के लिए हरियाणा में कमेटी
हरियाणा सरकार ने सेंट्रल एक्साइज कमिश्नर और हरियाणा एडिशनल एक्साइज टैक्सेशन कमिश्नर की एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। यह कमेटी देखेगी कि टैक्स में कमी का फायदा ग्राहकों को मिला या नहीं।
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एक्साइज एवं टैक्सेशन) संजीव कौशल ने बताया कि रोजाना इस्तेमाल होने वाली 89 वस्तुओं पर टैक्स घटा है।
कंपनियों ने बढ़ाने शुरू किए कारों के दाम
जीएसटीमें सेस बढ़ने के बाद होंडा कार्स ने अपनी गाड़ियों के दाम 89 हजार रुपए तक बढ़ा दिए हैं। नई कीमत सोमवार 11 सितंबर से ही लागू हो गई हैं। सरकार ने उसी दिन बढ़े हुए सेस को नोटिफाई किया था। मझोली कारों पर 2%, बड़ी कारों पर 5% और एसयूवी पर 7% बढ़ाया गया है। टोयोटा किर्लोस्कर ने भी अपने मॉडल्स के दाम बढ़ाए हैं।