बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव को कम किया जाना संभव : डॉ. सरदाना

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कोटा। पोषण युक्त आहार एवं माता पिता के वैक्सीनेशन करवाने से बच्चों में संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह जानकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने आइएसटीडी कोटा चैप्टर, कोटा ज्ञान द्वार एजुकेशन सोसाइटी एवं ओम कोठारी इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च कोटा की ओर से आयोजित वेबिनार में दी।

ऑनलाइन कार्यक्रम हम तुम और कोरोना का या दसवां एपिसोड आयोजित किया गया था। आईएसटीडी कोटा के मीडिया प्रभारी प्रदीप कुलश्रेष्ठ ने बताया कि यह वेबिनार कोरोना की दूसरी लहर के बाद और तीसरी लहर की तैयारी” विषय पर आयोजित की गई थी।

डॉक्टर सरदाना ने कहा कि कोरोना वायरस एक म्यूटेन्ट वायरस है। वायरस की इस प्रकृति के कारण इसके बारे में 100% सही अनुमान लगाना अत्यंत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर संभावनाओं से अधिक तीव्र और घातक सिद्ध हुई। तीसरी लहर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह लहर कब व किस तरीके से आएगी, इस बारे में सही तरीके से कुछ भी कहा नहीं जा सकता। किंतु दूसरी लहर की घातकता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन द्वारा इससे निपटने हेतु तैयारियां जारी है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से वैक्सीनेशन करवाने, मास्क लगाने व अन्य सावधानियां बरतने की अपील की ।

इसके पश्चात उन्होंने ऑनलाइन कार्यक्रम में उपस्थित जनों के इस विषय से संबंधित प्रश्नों के जवाब दिए। ओम कोठारी महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी डॉक्टर सरदाना से कई प्रश्न पूछे। कोरोना के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट दूसरी लहर के मुख्य ड्राइवर थे। अरविंद गुप्ता के बच्चों में रैमडिसीवर इंजेक्शन के प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुकाबले अच्छी होने से अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही डॉक्टरी सलाह पर ही यह इंजेक्शन लगाए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि अभी तक इस बात के पुख्ता सबूत नहीं है कि चीन ने इस वायरस का वुहान लैब में निर्माण किया है। बच्चों को तीसरी लहर से बचाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि माता पिता को स्वयं वैक्सीनेशन करवाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को पर्याप्त पोषण युक्त आहार एवं कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर सिखाना चाहिए, जिससे उनमें संक्रमण होने की संभावनाओं को न्यूनतम किया जा सके।

कार्यक्रम में आईएसटीडी कोटा की चेयरपर्सन एवं ज्ञान द्वार सोसायटी कोटा की संस्थापक अनिता चौहान, ओम कोठारी संस्थान के निदेशक डॉ. अमित सिंह राठौड़ जेसीआई सुरभि से सीए रजनी मित्तल एवं पदाधिकारी और ओम कोठारी महाविद्यालय के व्याख्यातागण एवं छात्र उपस्थित थे। अंत में आईएसटीडी कोटा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापन किया।