वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी का संसद में ऐलान, नई कार खरीद पर मिलेगा डिस्काउंट

    0
    900

    नई दिल्ली। यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी ने संसद में बहुप्रतीक्षित व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। आपको बता दें कि इस पॉलिसी के तहत अगर कोई व्यक्ति अपने पुराने वाहन को स्क्रेपिंग के लिए देता है तो नए वाहन की खरीद पर उसे 5 फ़ीसद कार डिस्काउंट दिया जाएगा।

    इस पॉलिसी से ना सिर्फ प्रदूषण में तेजी से कमी लाई जा सकेगी बल्कि ऑटो सेक्टर को भी बल मिलेगा। आपको बता दें कि जो भी वाहन स्क्रैप किए जाएंगे उन से निकलने वाले पार्ट्स को रीसाइकिल किया जाएगा जिससे कॉम्पोनेंट्स की कीमत में भी कमी आएगी। देश और दुनिया भर में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए ये व्हीकल स्क्रेपेज पॉलिसी तैयार की है जिससे एक तय सीमा के बाद आप अपने पुराने वाहन नहीं चला पाएंगे। नितिन गडकरी ने ये भी कहा है कि हमने एक एडवाइजरी जारी करकेऑटोमेकर्स को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नये वाहन की खरीद पर 5 फीसद का डिस्काउंट देने की सलाह दी है।

    नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि इस देश में 51 लाख ऐसे वाहन हैं जिनकी उम्र 20 साल से भी ज्यादा है, 34 लाख ऐसे वाहन हैं जिनकी उम्र 15 साल से ज्यादा है। वहीं देश में 17 लाख ऐसे वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और बिना वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट के चलाए जा रहे हैं। अगर फिट वाहनों की तुलना में पुराने हो चुके वाहनों की तुलना की जाए तो पुराने वाहन 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं जो बेहद खतरनाक साबित होता है।

    हटाए जाएंगे टोल बूथ
    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार संसद में बोलते हुए ये भी कहा कि,” देश के 93 प्रतिशत वाहन फस्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन शेष 7 प्रतिशत वाहनों ने दोगुने टोल का भुगतान करने के बावजूद फास्टैग नहीं लगवाया है। गडकरी ने कहा, “मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक वर्ष के भीतर देश के सभी फिजिकल टोल बूथ हटा दिए जाएंगे। इसका मतलब ये है कि टोल संग्रह जीपीएस के माध्यम से होगा। धनराशि जीपीएस इमेजिंग (वाहनों पर) के आधार पर एकत्र की जाएगी।”

    गडकरी ने ये भी कहा है कि उन वाहनों के लिए पुलिस जांच का निर्देश दिया है जो FASTags का उपयोग कर टोल का भुगतान नहीं करते हैं। अगर वाहनों में FASTags फिट नहीं हैं तो टोल चोरी और जीएसटी चोरी का मामला है। FASTags, टोल प्लाज़ा पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। 16 फरवरी 2021 से, FASTag के बिना वाहनों को देश भर में इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ रहा है।