नई दिल्ली। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने एक प्रमुख सर्राफा व्यवसायी और आभूषणों का कारोबार करने वाले दक्षिण भारत के ‘सबसे बड़े’ कारोबारी के परिसरों में छापेमारी की है। इस दौरान एक हजार करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने रविवार को जानकारी दी। बोर्ड ने हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किन-किन कारोबारियों के परिसरों में छापेमारी हुई है। आयकर विभाग की यह छापेमारी चेन्नई, मुंबई, कोयंबटूर, मदुरै, तिरूचिरापल्ली, त्रिसूर, नेल्लोर, जयपुर एवं इंदौर के 27 परिसरों में चार मार्च को हुई।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दावा किया कि छापेमारी के दौरान 1.2 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी भी जब्त की गई। सीबीडीटी ने एक बयान जारी कर दावा किया कि सर्राफा व्यवसायी के परिसर से प्राप्त साक्ष्यों से इस बात का खुलासा हुआ है कि नकद बिक्री, फर्जी नकदी क्रेडिट, खरीद के लिए ऋण की आड़ में ‘डमी’ खातों में नकदी जमा किए गए थे।’
बिना हिसाब किताब की सोने की खरीद
बयान में कहा गया है कि इसके अलावा नोटबंदी की अवधि के दौरान नकद जमा कराए जाने के संबंध में भी जानकारी मिली है। आभूषण विक्रेता के मामले में यह पाया गया कि करदाता ने स्थानीय फाइनेंसर्स से नकद ऋण लिया और उन्हें चुकाया, बिल्डरों को नकद ऋण दिया और अचल संपत्ति में नकद निवेश किया। बोर्ड ने यह भी दावा किया कि संबंधित कारोबारी ने बिना हिसाब-किताब के सोने की खरीद की थी।
सीबीडीटी ने कहा है कि छापेमारी में अब तक एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में छह अप्रैल को एक चरण में 234 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान होना है।