GST काउंसिल की बैठक आज, दरों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। कोरोना काल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 40वीं बैठक में जीएसटी दरों में किसी प्रकार के बदलाव की उम्मीद नहीं है। वहीं, बिक्री में उधारी बढ़ने से कारोबारियों को जीएसटी भरने के लिए अतिरिक्त समय देने पर विचार किया जा सकता है। 12 जून को पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जीएसटी काउंसिल की बैठक होने जा रही है। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल सरकार के पास वस्तुओं पर लगने वाली जीएसटी दरों में बदलाव की कोई वित्तीय गुंजाइश नहीं है।

राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार गैर-जरूरी वस्तुओं पर लगने वाली जीएसटी दरों को बढ़ाती है तो वे वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिससे उनकी मांग प्रभावित होगी। कोरोना की वजह से 25 मार्च के बाद लगभग 60 दिनों तक गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री पूरी तरह ठप रही। लॉकडाउन खुलने के बाद भी गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री के लिए कारोबारी संघर्ष कर रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक कौन सी वस्तु किसके लिए जरूरी है और किसके लिए गैर-जरूरी, यह उपभोक्ता तय करता है। वर्तमान में सरकार का उद्देश्य खपत में बढ़ोतरी करना है।

दो दिन पहले औद्योगिक संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दरों में कटौती पर कहा था कि यह फैसला जीएसटी काउंसिल लेती है, लेकिन काउंसिल को राजस्व संग्रह की भी तलाश या चिंता है। विशेषज्ञों के मुताबिक वित्त मंत्री के इस बयान से जाहिर है कि जीएसटी दरों में कटौती की भी कोई संभावना नहीं है।

बिक्री नहीं होने से कारोबारियों ने अप्रैल व मई माह में जीएसटी रिटर्न की फाइलिंग नहीं की है। अप्रैल व मई माह का जीएसटी संग्रह का आंकड़ा भी सरकार की तरफ से जारी नहीं किया गया है। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक जब वस्तुओं की बिक्री होगी तभी सरकार को जीएसटी मिलेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि हर तिमाही में जीएसटी काउंसिल की बैठक अनिवार्य है, इसलिए 12 जून को यह बैठक की जा रही है।

विशेषज्ञों ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद उधार में अधिक बिक्री हो रही है क्योंकि बाजार में नकदी की कमी है। वस्तु की बिक्री होने के बाद विक्रेता को अगले महीने की 20 तारीख को GST रेज करना पड़ता है। उधार में माल बिक्री होने से कारोबारियों को 20 तारीख GST रेज करने में दिक्कत होगी। इसमें कारोबारियों को राहत प्रदान की जा सकती है।