नई दिल्ली। देश में पेट्र्रोलियम उत्पादों की मांग मई में अप्रैल के मुकाबले बढ़कर दोगुनी हो गई। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने बुधवार को कहा कि उसकी रिफाइनरीज 83 फीसदी क्षमता के साथ काम कर रही हैं। कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पेट्रोलियम उत्पादों की मांग घटने से आईओसी ने अप्रैल में अपनी रिफाइनरीज की क्षमता घटाकर 39 फीसदी कर ली थी।
आईओसी ने एक बयान में कहा कि इंडियन ऑयल की रिफाइनरीज की क्षमता 80 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है। सभी प्रकार के पेट्रोलियम उत्पादों की खपत मई 2020 में अप्रैल 2020 के मुकाबले करीब दो गुनी हो चुकी है। ऊर्जा की खपत और खासकर बिजली और रिफाइनरी उत्पादों की खपत से अर्थव्यवस्था में कुल मांग का पता चलता है।
कंपनी ने कहा कि कंपनी की रिफाइनरीज का थ्रोपुट (रिफाइनिंग क्षमता) मई 2020 की शुरुआत में 55 फीसदी पर था। यह मई के आखिर में 78 फीसदी पर और आज तक की स्थिति के मुताबिक 83 फीसदी पर पहुंच चुकी है। अप्रैल की शुरुआत में यह गिरकर करीब 39 फीसदी तक आ गई थी।
40 डॉलर प्रति बैरल पर आया ब्रेंट क्रूड
बुधवार को ब्रेंट क्रूड करीब 40 डॉलर प्रति बैरल पर ट्र्रेड कर रहा था। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) करीबब 38 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था। दुनियाभर में लॉकडाउन के बीच ब्रेंट क्रूड का भाव 21 साल के निचले स्तर तक गिर गया था। इस दौरान अमेरिकी तेल फ्यूचर तो इतिहास में पहली बार शून्य से भी नीचे चला गया था।
पेट्र्रोल की मांग 70 और डीजल की मांग 59 फीसदी बढ़ी
अप्रैल के मुकाबले मई में सभी पेट्रोलियम उत्पादों की कुल मांग बढ़कर दोगुनी हो गई है। वहीं, पेट्र्रोल की मांग करीब 70 फीसदी और डीजल की मांग करीब 59 फीसदी बढ़ी है। लॉकडाउन से पहले के स्तर पर आने के लिए हालांकि मांग में 24-26 फीसदी की बढ़ोतरी होनी अभी और बाकी है।