मिलावट के मामले में राजस्थान देश में 9वें नंबर पर

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जयपुर। अधिक मुनाफे के चक्कर में मिलावटखोर बेखौफ होकर दूध, मावा, पनीर, तेल, घी, मिर्च-धनिया में मिलावट से आमजन की सेहत बिगाड़ रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली जानकारी ये है कि अनसेफ के मामलों में देश के राज्यों में राजस्थान टॉप-10 में से 9वें नंबर पर है। यह खुलासा फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नई दिल्ली की ओर से वर्ष 2018-19 की जारी रिपोर्ट में हुआ है।

प्रदेश में क्वालिटी जांच के तहत वर्ष 2018-19 में 5 हजार 760 नमूनों में से 208 अनसेफ मिले हैं यानी बाजार में बिक रहे 3.6% खाद्य पदार्थ खाने योग्य ही नहीं हैं। इससे क्वालिटी पर प्रश्नचिह्न लग गया है। सैंपलों में से 1272 मानक स्तर पर ही नहीं थे। यही नहीं 667 सैंपल ऐसे पाए गए, जिनमें उपभोक्ताओं को गलत जानकारी दी जा रही थी। एफएसएसएअाई ने राजस्थान समेत ओडिशा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, असम, तेलंगाना के फूड सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं हैं।

तमिलनाडु में 12.7% सैंपल असुरक्षित मिले
तमिलनाडु के खाद्य पदार्थ देश में सबसे ज्यादा (12.7 फीसदी) असुरक्षित मिले हैं। 5 हजार 730 नमूनों में 728 असुरक्षित हैं। 813 नमूने निम्न स्तर के थे। टॉप-10 में असम दूसरे, झारखंड तीसरे, अोडिशा चौथे, यूपी पांचवें, महाराष्ट्र छठे, केरल 7वें, दिल्ली 8वें है।

उत्तराखंड, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम शुद्धता में अव्वल
उतराखंड,मणिपुर, नगालैंड और सिक्किम के खाद्य नमूनों में कोई असुरक्षित नहीं मिला है। हालांकि कुछ जगह गुणवत्ता निम्न स्तर की थी। अरुणाचल के 0.3%, गोवा के 0.4%, गुजरात के 0.5%, एमपी के 0.6%, पंजाब के 0.8% और चंडीगढ़ के 1% नमूने असुरक्षित पाए गए हैं।