जीएसटी : टेडर्स और टैक्सपेयर्स में कंफ्यूजन, हर रोज आ रहे हैं 10 हजार कॉल्स

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नई दिल्ली । देश में एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद जीएसटीए नेटवर्क (जीएसटीएन) पर व्यापारियों और करदाताओं की ओर से रोजाना औसतन 10,000 कॉल मिल रही है। यह कॉल्स जीएसटी से जुड़ी समस्याओं के संबंध में की जा रही हैं।

जीएसटी नेटवर्क के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा, “हमारे कॉल सेंटर के एग्जीक्यूटिव्स जीएसटी के जुड़ी समस्याओं की कॉल्स का जवाब दे रहे हैं और सभी की मदद कर रहे हैं ताकि जीएसटी को लेकर वे अभ्यस्त हो जाएं। इस कॉल सेंटर का संचालन नोएडा से हो रहा है और करीब 400 एग्जीक्यूटिव्स इन कॉल्स को ले रहे हैं।

”एक जुलाई से देशभर में जीएसटी के लागू होने के बाद जीएसटी नेटवर्क ने इसका जिम्मा वित्त मंत्रालय से अपने हाथ में ले लिया है।
जीएसटीएन ने दो नई सेवाओं के लिए बुधवार से रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। यह दो नई सेवाएं इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (आईएसडी) और कंपोजिशन स्कीम के तहत आवेदन एप्लिकेशंस हैं।

अब तक जीएसटीएन के पास एनरोलमेंट के संबंध में 3.5 लाख एप्लिकेशन्स हासिल हुईं है, इसमें से 45 हजार 5 जुलाई तक हासिल हुई है।
कुमार का कहना है कि अगर कर अधिकारी के पास एप्लिकेशन के खिलाफ कोई सवाल नहीं है तो उनका रजिस्ट्रेशन तीन दिनों के अंदर अप्रूव हो जाएगा। जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपी) के मोर्चे पर कमेटी जीएसपी के संचालन की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है।

मौजूदा समय में 34 जीएसपी पूरी तरह से काम कर रहे हैं और करीब 80 नई एप्लिकेशन प्राप्त हो गई हैं जिन्हें विभाग रिव्यू कर रहा है।
कुमार ने यह भी बताया कि एक बार वे जीएसटीएन के मापदंड़ों को पूरा कर लें उसके बाद उन्हें लाइसेंस मिल जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जीएसपी की संख्या बढ़ाने को लेकर मांग तेज है।