नई दिल्ली। वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले को ले कर अब आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर की कुर्सी खतरे में आ गई है। चंदा कोचर के खिलाफ अब बैंक के बोर्ड से आवाज उठने लगी है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक बोर्ड के कुछ डायरेक्टर्स ने चंदा कोचर के पद पर बने रहने को लेकर ऐतराज जताया है। इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। ऐसे में बोर्ड में इस बात को लेकर मतभेद है कि चंदा कोचर को पद पर बने रहना चाहिए या नहीं।
बाहरी डायरेक्टर्स हैं खिलाफ
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कम से कम कुछ बाहरी डायरेक्टर्स इस बात के खिलाफ हैं कि चंदा कोचर अपने पद पर बनी रहें। आईसीआईसीआई बैंक का बोर्ड इस सप्ताह आगे के कदम पर फैसला करने के लिए बैठक कर सकता है। चंदा कोचर का सीईओ के तौर पर कार्यकाल 31 मार्च, 2019 को खत्म होगा।
बोर्ड ने चंदा कोचर पर जताया था भरोसा
आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने कुछ सप्ताह पहले कर्ज की मंजूरी देने की प्रक्रिया की समीक्षा की थी और इस प्रक्रिया को मजबूत बताया था। बोर्ड के चेयरमैन एमके शर्मा ने कहा था कि इस मामले में किसी को फायदा पहुंचाने या हितों के टकराव का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने चंदा कोचर पर पूरा भरोसा जताया था।
बोर्ड में हैं 6 इंडीपेंडेंट डायरेक्टर्स
आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड में 6 इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स है। इसमें बैंक के चेयरमैन और लाइफ इन्श्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के चीफ भी शामिल हैं। बोर्ड में सरकार का एक नॉमिनी और आईसीआईसीआई बैंक के 5 एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स भी हैं।
क्या है मामला
आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन ग्रुप में निवेशक अरविंद गुप्ता का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए का लोन गलत तरीके से दिया। इसमें बैंक के अधिकारियों और वीडियोकॉन ग्रुप के बीच मिलीभगत थी। ग्रुप बाद में यह लोन चुका नहीं पाया और पूरा लोन एनपीए हो गया।
उनका आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को आर्थिक फायदा पहुंचाया। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है कि क्या लोन किसी को फायदा पहुंचाने के लिए दिया गया।