नई दिल्ली। सरकारी बैंक ने विदेशों में 35 शाखाएं और प्रतिनिधि कार्यालय बंद कर दिये हैं। बैंकों के कामकाज को तर्कसंगत और जिम्मेदार बनाने के क्रम में यह कदम उठाया गया है। पिछले साल नवंबर में हुए पीएसबी मंथन में तय एजेंडा के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विदेशों में अपने सभी 216 कार्यालयों और शाखाओं की समीक्षा करनी है।
पीएनबी में पिछले दिनों 12 हजार 700 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद बैंकों की यह पहल और अहम हो गई है। सूत्रों के अनुसार बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, आइडीबीआइ बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने दुबई में अपना कारोबार समेट लिया है जबकि पीएनबी, केनरा बैंक और यूनियन बैंक ने शंघाई कार्यालय बंद किये हैं।
बैंक ऑफ इंडिया ने यंगून और बोत्सवाना में भी कारोबार समेट लिया है जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक ने हांगकांग शाखाएं बंद की हैं। इसके अलावा बैंक ने कई प्रतिनिधि कार्यालय भी बंद किये हैं। जनवरी के अंत में सरकारी बैंकों की विदेश में 165 शाखाएं थीं।
इसके अलावा संयुक्त उपक्रम और प्रतिनिधि कार्यालय भी हैं। भारतीय स्टेट बैंक की सबसे ज्यादा 52 शाखाएं हैं। जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा की 50 और बैंक ऑफ इंडिया की 29 शाखाएं हैं। एसबीआइ की ब्रिटेन में 32, हांगकांग व संयुक्त अरब अमीरात में 13-13 और सिंगापुर में 12 शाखाएं हैं।