नई दिल्ली। भारत की मोबाइल वॉलिट कंपनियों को इन दिनों ग्राहकों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। इसके पीछे की वजह प्रीपेड ई-वॉलिट्स में नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया को पूरा करने की बाध्यता है।
बता दें कि जिन लोगों ने इस प्रक्रिया को पूरा करने की आखिरी तारीख (28 फरवरी, 2018) तक अपना फुल केवाईसी अपडेट नहीं किया था, उन्हें ई-वॉलिट्स के इस्तेमाल में दिक्कत आ रही है। इससे पहले ई-वॉलिट्स कंपनियां सिर्फ मोबाइल नंबर वेरीफाई करके काम चला रही थीं।
मगर अब KYC के लिए प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट अकाउंट को आधार से जोड़ना जरूरी है। इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव्स के अनुमान के मुताबिक, देशभर में मोबाइल वॉलिट का इस्तेमाल करने वाले 10 ग्राहकों में से 8 ने अभी तक KYC प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है।
ऐसे में अपने ग्राहकों से KYC प्रक्रिया पूरी करवाकर उन्हें अपनी सेवाओं से जोड़े रखने का काम ई-वॉलिट कंपनियों के लिए आसान नजर नहीं आ रहा। इन कंपनियों के ग्राहकों की शिकायत है कि छोटी सी राशि ट्रांसफर करने के लिए उनसे इतने ज्यादा डिटेल्स साझा करने को क्यों कहा जा रहा है।
बता दें कि पेटीएम, मोवीक्विक, ओला मनी और फ्रीचार्ज जैसे ई-वॉलिट के जिन ग्राहकों ने KYC प्रक्रिया पूरी नहीं की, उन्हें गुरुवार से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच पेटीएम के कुछ यूजर जब अपने वॉलिट रीचार्ज कर रहे हैं तो रीचार्ज की राशि सीधे उनके वॉलिट में न आकर गिफ्ट वाउचर्स के रूप में आ रही है।
बता दें कि गिफ्ट वाउचर्स को सिर्फ पेटीएम पेमेंट लेने वाली मर्चेंट लोकेशन्स पर ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ पेटीएम यूजर्स को वॉलिट रीचार्ज के वक्त एरर मेसेज दिख रहा है।