मुंबई। भारतीय कंपनियां अगले चार से छह सप्ताहों में करीब 15,000 करोड़ रुपये रकम जुटाने की मुहिम पर निकल पड़ेंगी। बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी के उच्चतम स्तर छूने और प्राथमिक निर्गमों को लेकर सकारात्मक रुख से कंपनियों और निवेश बैंकरों का मनोबल बढ़ा है, इसलिए वे पूंजी जुटाने की योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
जिन साधनों के जरिये रकम जुटाई जाएगी उनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट/इनविट (अधोसरंचना क्षेत्र में निवेश करने वाली नई योजना), आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ), क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट्स (क्यूआईपी) और ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल हैं।
इससे पहले नवंबर और फरवरी के बीच नोटबंदी के बाद पैदा हुई अनिश्चिताओं के बीच रकम जुटाने की रफ्तार धीमी पड़ गई थी।
हालांकि निवेश बैंकरों का कहना है कि विदेशी और घरेलू दोनों निवेशकों का मनोबल अब ऊपर है, जिससे बाजार में आने वाले नए निर्गमों में रकम लगाने के लिए वे पूरी शिद्दत से तैयार हैं। कम से दो इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियां-आरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्टरलाइट पावर ग्रिड- 7,5000 करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटाने हेतु इनविट के लिए एक शुरुआती निर्गम लाएंगी। आईआरबी इन्फ्रा की इनविट पेशकश 3 मई को बाजार में आएगी वहीं स्टरलाइट मई के अंत में या जून के शुरू में पेशकश लाएगी।
सरकारी कंपनी हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (हुडको) आगामी 8 मई को 1,200 करोड़ रुपये का निर्गम लाएगी। निवेश बैंकरों के अनुसार निर्गम लाने की अन्य कंपनियों की कतार में केबल एवं ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता कंपनी जीटीपीएल हैथवे, निर्माण कंपनी पीएसपी प्रोजेक्ट्स और दूरसंचार उपकरण कंपनी तेजस नेटवर्क्स शामिल हैं। इनके अलावा कुछ सूचीबद्ध कंपनियां भी अगले कुछ हफ्तों में रकम जुटाने के लिए निवेश बैंकरों से बात कर रही है।
रियल एस्टेट कंपनी ब्रिडेज एंटरप्राइजेट का 500 करोड़ रुपये का क्यूआईपी संभवत: मंगलवार को बंद होगा। फेडरल बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने नए शेयर जारी कर क्रमश: 2,500 करोड़ और 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की पहल की है। सरकार भी कुछ सार्वजनिक उपक्रमों में ओएफएस के जरिये अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है।