जयपुर। राजस्थान जीएसटी कार्यों के प्रशासन के लिए फेसलेस मैनेजमेंट लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री दिया कुमारी ने वित्तीय वर्ष 2024—2025 के लेखानुदान के भाषण के बिंदु संख्या 60(VI) में घोषणा की थी कि स्वच्छ व पारदर्शी प्रशासन के सिद्धान्त की बेहतर पालना सुनिश्चित करने हेतु वाणिज्यिक कर तथा आबकारी विभागों के कार्यो की चरणबद्ध रूप से फेसलेस मैनेजमेंट की व्यवस्था की जायेगी। इस दृष्टि से प्रदेश में ऑनलाइन इंटीग्रेटेड टैक्स मैनेजमेंट, ईंटीग्रेटेड एक्साइज मैनेजमेंट सिस्टम तथा जनआधार वॉलेट को और अधिक सुदृढ़ एवं व्यापक किया जायेगा।
इस घोषणा की अनुपालना में वाणिज्यिक कर विभाग में जीएसटी संबधी कार्यों के प्रशासन में चरणबद्ध रूप से फेसलेस मैनेजमेंट की व्यवस्था हेतु आदेश जारी कर दिया गया है।देश में इस प्रकार की व्यवस्था करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। यह व्यवस्था आयकर विभाग की फैसलेस व्यवस्था एवं पंजीयन मुद्रांक विभाग द्वारा लागू की गई ‘एनी व्हेयर रजिस्ट्री’ के आदर्शो के अनुसार लागू की गई है।
इस आदेश के द्वारा वाणिज्यिक कर विभाग में माल एवं सेवा कर के संबंध में प्रशासनिक क्षेत्रवार करदाताओं के समान वितरण, कार्मिकों के कार्यभार में संतुलन, कार्य विभाजन में समुचित एवं समानुपातिक कार्य विभाजन, पदगत रिक्तियों, दीर्घकालिक अवकाशों और अन्य प्रशासनिक कारकों से कार्य निष्पादन व्यवधान न आने व तटस्थ एवं निष्पक्ष कार्य संबंधी वस्तुनिष्ठता सुनिश्चित करने की दृष्टि से नवीन फेसलेस/रैण्डमाइज्ड व्यवस्था चरणबद्ध रूप में लागू की गयी है। इसमें यह भी प्रस्तावित है कि संपूर्ण कार्य व्यवस्था नवप्रस्तावित इंटीग्रेटेड टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम में विकसित की जाएगी।
इस परिवर्तन से कर प्रशासन में कार्य संतुलन, त्वरित कार्य निष्पादन एवं प्रक्रियात्मक पारदर्शिता आयेगी। इस व्यवस्था से करदाताओं के लम्बित प्रकरणों में पारदर्शिता के साथ शीघ्र सुनवाई व निस्तारण होगा।