राजस्थान सरकार धर्मांतरण पर नया कानून बनाएगी, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर

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नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में भजनलाल सरकार ने धर्मांतरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि मौजूदा समय में उसके पास धर्म परिवर्तन के संबंध में कोई विशेष कानून नहीं है। उनकी इस संबंध में नया कानून बनाए जाने की योजना है।

देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि हलफनामे में कहा है कि प्रदेश में फिलहाल एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्म परिवर्तन के संबंध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है।

हालांकि, राज्य सरकार इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट से जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर सख्ती से कर रही है और अब खुद का कानून लाने की प्रक्रिया में है। हलफनामे में राज्य में विशिष्ट कानून लागू होने तक इस मामले पर मौजूदा न्यायिक दिशा-निर्देशों और केंद्रीय निर्देशों का पालन करने की राजस्थान की प्रतिबद्धता पर भी चर्चा की गई है।

उल्लेखनीय है कि अश्विनी उपाध्याय ने वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें केंद्र और राज्यों को धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन और डराने, धमकाने, उपहार और मौद्रिक लाभों के माध्यम से धोखे से धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार से जवाब मांगा और कहा था कि यदि जबरन धर्म परिवर्तन की बात सच है तो यह गंभीर मुद्दा है। इसके अलावा यह देश की सुरक्षा को भी प्रभावित कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों को भी इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए कहा था। इस याचिका के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने धर्म परिवर्तन के संबंध में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात के पारित कानूनों को चुनौती देने से जुड़ी याचिकाओं को भी एक साथ सूचीबद्ध कर दिया था।